ओडिशा विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद अध्यक्ष सुरमा पाधी ने सत्र के पहले चरण का समापन किया। दूसरे चरण के लिए सदन को 20 अगस्त की सुबह 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को विधानसभा में विनियोग (लेखानुदान संख्या 2) विधेयक, 2024 पेश किया। बीजद और कांग्रेस के सदस्यों समेत विपक्ष के विरोध के बावजूद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यह विधेयक राज्य सरकार को अगस्त और सितंबर में उपयोग के लिए समेकित निधि से 95000 करोड़ रुपये निकालने का अधिकार देता है। विधेयक पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने सत्र के पहले चरण का समापन किया। दूसरे चरण के लिए सदन को 20 अगस्त की सुबह 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले फरवरी में पहला विधेयक मंजूर किया गया था, जिसमें जिसमें अप्रैल, मई, जून और जुलाई के महीने शामिल थे। चूंकि पहला लेखानुदान 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है, इसलिए सरकार ने अगस्त और सितंबर के व्यय को कवर करने के लिए दूसरा लेखानुदान पेश किया है।
सदन में बहस के दौरान विपक्षी विधायकों ने बार-बार ओडिशा की विशेष श्रेणी की स्थिति पर सवाल उठाया। जिसका सीएम माझी ने जवाब दिया और कहा कि इस मुद्दे को पिछले 24 वर्षों में विभिन्न राष्ट्रीय मंचों पर कई बार उठाया और खारिज किया गया है। उन्होंने विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग करके राजनीतिक लाभ हासिल करने के प्रयास के लिए विपक्ष की आलोचना की। कहा कि पांचवें वित्त आयोग ने पहली बार 1969 में पहाड़ी इलाकों, कम जनसंख्या घनत्व, सीमावर्ती राज्य की स्थिति, आर्थिक और ढांचागत पिछड़ेपन जैसे विशिष्ट मानदंडों के आधार पर इस दर्जे की सिफारिश की थी।
माझी ने तर्क दिया कि विशेष श्रेणी का दर्जा देने के ओडिशा के अनुरोध को केंद्र ने बार-बार अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि यह आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं करता है। उन्होंने विपक्ष से केंद्रीय बजट के प्रावधानों की समीक्षा करने और राज्य को मिले लाभों को पहचानने का आग्रह किया।
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