ट्रैफिक रूल्स या नया मोटर व्हीकल एक्ट 1 सितम्बर से भारत में लागू हो चूका है। इसके आने के बाद ट्रैफिक नियम इतने कड़े हो गए हैं की आपने अब तक हजारों और यहां तक की लाखों तक के चालान कटने की खबर सुनी या पढ़ी जरूर होगी।
इस नए मोटर व्हीकल एक्ट में अगर आप ड्राइव करते समय मोबाइल पर बात करते हुए पकडे जाते हैं, तो इस पर भी जुर्माना बढ़ गया है। इसके लिए आपको Rs 5000 का चालान हो सकता है।
कार तो कार, कई लोग तो टू व्हीलर पर भी मोबाइल पर बात करने से बाज नहीं आते। पुराने नियमों के अनुसार, इस पर Rs 1000 का जुर्माना लगता था। अब यह बढ़कर Rs 5000 हो गया है।
अगर आप हैंड्सफ्री या स्पीकर पर भी ड्राइव करते समय फोन पर बात करते हुए पकडे जाते हैं, तो भी आपका चालान कटेगा। नए एक्ट में पहले के अनुसार काफी सख्ती बरती गई है। यही कारण भी है की अब लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगे हैं।
भारत में आए इन नए नियमों के अलावा भी कई देशों ने अलग-अलग नियम बनाए हैं, जिससे लोगों को जग्र्रोक किया जा सके, पढ़ें इनके बारे में:
मोबाइल का इस्तेमाल ऐसे समय करना जहाँ आपका ध्यान बाँटना नहीं चाहिए, यह सिर्फ भारत में ही नहीं बाहर के कई देशों में समस्या का कारण है।
चलते-चलते भी मोबाइल का इस्तेमाल एक्सीडेंट का कारण बन सकता है। इसी के चलते क्या आप जानते हैं की दुनिया के अलग-अलग भाग में तरह-तरह के कानून बनाए गए हैं। जानते हैं इनके बारे में:
— बात करें सिंगापुर की, तो पैदल चलते हुए स्मार्टफोन का इस्तेमाल भी एक समस्या है और इससे बचने के लिए सिंगापुर में सड़कों पर जगह-जगह येलो कलर के स्टिकर लगे होते हैं। इन स्टिकर्स पर लिखा होता है- लुक अप। यानी की चलते हुए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने पर लोग नीचे की ओर देखकर चलते हैं, जिससे सामने आने वाली चीज का पता नहीं लगता।
इसी से दुर्घटना भी होती है। इसके अलावा, सिंगापुर में ट्रैफिक सिग्नल पर भी पोस्टर लगे होते हैं। इसमें लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है की रोड क्रॉस करते समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल ना किया जाए। सिंगापुर की ही तरह कई और देश भी हैं, जहां स्मार्टफोन के रोड पर अत्यधिक इस्तेमाल को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
— सिंगापुर के अलावा, साऊथ कोरिया में कहा जाता है की लोग स्मार्टफोन का बहुत इस्तेमाल करते हैं। साऊथ कोरिया में जलने-बुझने वाली लाईट्स लगाकर लोगों को रोड क्रासिंग के समय सावधान रखने की कोशिश की जाती है। इस देश में फुटपाथ पर और खम्बों पर भी लेजर लाइट्स लगाई गई हैं। इस तरह की लाइट्स से लोगों का ध्यान स्मार्टफोन्स से हट जाता है। इससे रोड क्रॉस करने वाला सावधान हो जाते हैं।
— जर्मनी में ग्राउंड ट्रैफिक लाइट्स लगाई गई है। नीदरलैंड में भी सड़कों पर ट्रैफिक लाइट्स लगाई गई हैं। इससे लोगों का ध्यान चलते समय स्मार्टफोन में ना रहकर सड़कों पर रहता है। ये लाइट्स ट्रैफिक के अनुसार, ग्रीन और रेड में कलर बदलती है।
–बैंकॉक में तो खासतौर से मोबाइल फोन लेन बनाया गया है। इस लेन को चलते समय स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। जिस तरह एम्स्टर्डम में साइकिल के लिए लेन बने होते हैं, ठीक उसी तरह बैंकॉक में मोबाइल यूजर्स के लिए लेन बना है। चीन में भी इस तरह का फुटपाथ बनाया गया था, जहां लोग स्मार्टफोन चलाते हुए पैदल चल सकते हैं।