मधेपुरा में पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि जानवरों का सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वे भी जीव हैं, लेकिन जो धर्म इंसान को अछूत और जानवरों को भगवान बनाता है, वह अधर्मी और पाखंडी है।
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री और मधेपुरा के विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने धार्मिक मान्यताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि कौन सा धर्म या विचारधारा इंसान को अछूत बनाती है? लेकिन, जानवरों को भगवान का दर्जा देती है।
मधेपुरा में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, “इंसान अछूत होता है, लेकिन कुत्ता भैरव भगवान होता है। नाग देवता होता है, जिसके डंसने से इंसान मर जाता है। उल्लू लक्ष्मी माता की सवारी बनता है, लेकिन इंसान अछूत रहता है।” उन्होंने कहा कि जानवरों का सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वे भी जीव हैं, लेकिन जो धर्म इंसान को अछूत और जानवरों को भगवान बनाता है, वह अधर्मी और पाखंडी है।
भेदभाव के खिलाफ जनजागृति जरूरी
प्रो. चंद्रशेखर ने इस भेदभाव के खिलाफ जनजागृति की जरूरत बताई और कहा कि समाजवादियों का लक्ष्य समानता स्थापित करना है। उनकी पार्टी इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ अभियान जारी रखेगी। गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रो. चंद्रशेखर रामचरितमानस पर टिप्पणी कर विवादों में घिर चुके हैं।
उन्होंने रामचरितमानस, मनुस्मृति और गोलवलकर की किताब को समाज में विभाजन और नफरत फैलाने वाला बताया था। उन्होंने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का हवाला देते हुए इसे समाज तोड़ने वाला ग्रंथ भी कहा था। इसके बाद खूब विवाद हुआ था। भाजपा नेताओं ने उनपर जमकर हमला बोला था और माफी मांगने तक कह दिया था।
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