फेसबुक पर अफवाहों को लेकर अक्सर हम चिंतित रहते हैं कि इन पर विश्वास करें या न करें। पर अब आपको परेशान होने की जरूरत नही है।
फेसबुक ने गुरुवार को कहा कि वह एक ऐसा फीचर लेकर आएगा जो उसके प्लेटफॉर्म पर नकली न्यूज को फैलने से रोकेगा। फेसबुक को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान ऐसी खबरों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने पर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि नया फीचर फिलहाल जारी प्रोसेस का हिस्सा है, जिसमें यह टेस्ट किया जा रहा है कि वह कैसे झूठी खबरों से निपटेगा। इसी साल लोगों ने सवाल उठाए थे कि 1.8 बिलियन यूजर्स के कंटेंट को फेसबुक कैसे मॉनिटर करता है।
फेसबुक ने कहा कि नए फीचर्स से यूजर्स को अपने न्यूज फीड से नकली खबरों के बारे में पता चल जाएगा। कंपनी खबरों की सत्यता जानने के लिए फैक्ट चैकिंग वेबसाइट्स, एबीसी न्यूज और असोसिएटेड प्रेस (एपी) जैसी न्यूज एजेंसी के साथ काम करेगी। अगर ये संस्थाएं किसी स्टोरी को नकली बताएंगी तो फेसबुक उसे विवादित की कैटिगरी में डाल देगी और उस आर्टिकल में के बारे में सोर्स से इसे पोस्ट करने की वजह पूछेगी
कुछ हफ्तों पहले फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा था, यह एक ‘अजीब बात’ है कि फेसबुक पर फैली गलत खबरों से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी चुनाव जीत गए। आलोचक कहते हैं कि बड़ी मीडिया संस्थाओं की खबरों की बजाय झूठी खबरें ज्यादा पढ़ी जाती हैं।
नवंबर 8 को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले फेसबुक यूजर्स ने अपने न्यूज फीड में कई ऐसी खबरें देखी थीं, जिसमें कहा गया था कि पोप फ्रांसिस ने ट्रंप का समर्थन किया है और डेमॉक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की जांच कर रहा फेडरल एजेंट मृत पाया गया था। एक ब्लॉग पोस्ट में फेसबुक के वाइस प्रेजिडेंट एडम मोसेरी ने कहा कि फेसबुक का यह कदम स्पैमर्स द्वारा पैदा की गईं झूठी खबरों को रोकना है।
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