केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में आर्थोपेडिक और मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों के आपस में भिड़ जाने के मामले में छह डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है। 28 सितंबर को जूनियर डॉक्टर बर्थ डे पार्टी में शराब पीकर बेसुध हो गए।
ऐसे में साथी चिकित्सक उन्हें ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे, जहां रात में आर्थोपेडिक और मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने मारपीट करने के साथ ही वार्ड में तोडफ़ोड़ की। दोनों पक्ष के डॉक्टरों ने एक महिला चिकित्सक समेत 10 के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
ये किए गए संस्पेंड
मामले में केजीएमयू प्रशासन ने आर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर राहुल शुक्ला, शुभम, अनुश्रव राव और मेडिसिन विभाग के डॉ. मयंक, प्रद्युम्न मॉल, कृष्ण पाल सिंह परमार को संस्पेंड कर दिया है।
बर्थडे पार्टी के बाद शुरू बवाल
प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक, आर्थोपेडिक विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर बर्थडे पार्टी मना रहे थे। इस दौरान रेजीडेंट डॉ. रजनीश और डॉ. प्रांजल शराब के अधिक सेवन से बेहोश हो गए। पार्टी में मौजूद अन्य रेजीडेंट डॉ. शुभम सिंह, डॉ. राजीव शुक्ला, डॉ. धीरेंद्र वर्मा, डॉ. आदर्श सेंगर, डॉ. अनुश्रव व डॉ. रोहित जो कि खुद नशे में थे, दोनों को लेकर पहुंचे।
ट्रॉमा सेंटर के द्वितीय तल स्थित इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में बेसुध रेजीडेंट को भर्ती कराया। यहां इलाज के दरम्यान आर्थोपेडिक और मेडिसिन के डॉक्टरों में कहासुनी हो गई। बात बढऩे पर मेडिसिन विभाग के अन्य डॉक्टर भी वहां पहुंच गए और मारपीट शुरू हो गई।
चर्चा है कि डॉक्टरों ने नशे में आए डॉक्टरों का पर्चा बनवाने के लिए कहा था। यह उन्हें नागवार गुजरा और उन लोगों ने खुद को भी डॉक्टर होने का हवाला दिया। इसी दरम्यान मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट ने वीडियो बनाना शुरू किया। इसके लेकर आर्थोपेडिक के डॉक्टरों में कहासुनी शुरू हो गई।
इसके बाद आरोपितों ने वार्ड के गेट का शीशा और नर्सिंग स्टेशन पर तोडफ़ोड़ की। कंप्यूटर तोड़कर मरीजों की फाइलें फेंक दीं और एक महिला चिकित्सक से अभद्रता भी की। आर्थोपेडिक व मेडिसिन विभाग दोनों में भर्ती करीब 80 मरीजों की जिदंगी दांव पर रही और इलाज ठप रहा।
पुलिस बल के साथ केजीएमयू के प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा, ट्रॉमा सेंटर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार रात में ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां सुबह चार बजे तक बंद कमरे में डॉक्टरों से पूछताछ होती रही।
इंस्पेक्टर चौक पंकज सिंह के मुताबिक आर्थोपेडिक के डॉ. शुभम सिंह, धीरेंद्र वर्मा, आदर्श सेंगर, राजीव शुक्ला व अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआइआर लिखी गई है। दूसरे पक्ष की तहरीर पर मेडिसिन विभाग के डॉ. राजीव वर्मा, डॉ. कृष्णपाल परमार, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. मयंक सिंह, अजहर रिजवी व एक महिला चिकित्सक पर रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन की जा रही है। महिला चिकित्सक ने आर्थोपेडिक विभाग के आरोपित डॉक्टरों पर छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया है।