रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन दोनों देशों की सीमा में विदेशी सैनिकों और हथियारों की तैनाती का रूस कड़ा जवाब देगा। पुतिन का यह बयान दोनों देशों के नाटो में शामिल होने पर तुर्किये की आपत्ति खत्म होने पर आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसके लिए तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन को धन्यवाद भी दिया।

- रूसी राष्ट्रपति ने कहा, नाटो के विस्तार से आपत्ति नहीं
- तुर्किये ने दोनों देशों को लेकर आपत्ति खत्म की
- बाइडन ने एर्दोगन को दिया धन्यवाद
सैन्य तैनाती का देगें कड़ा जवाब
तुर्कमेनिस्तान यात्रा पर गए पुतिन ने वहां पर प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने से रूस को कोई कठिनाई नहीं है। अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो करें। हमारे बीच कोई विवाद भी नहीं है। लेकिन दोनों देशों में विदेशी सैन्य तैनाती का रूस कड़ा जवाब देगा क्योंकि इससे हमारी सुरक्षा को खतरा पैदा होगा।
फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने का रास्ता साफ
विदित हो कि तुर्किये की आपत्ति खत्म होने के बाद फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। फिनलैंड और स्वीडन ने अपनी तटस्थता की नीति त्यागकर नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। अमेरिका समेत नाटो के ज्यादातर सदस्य देश रूस के पड़ोसी फिनलैंड और स्वीडन को साथ लेने के लिए उत्सुक हैं लेकिन तुर्किये की आपत्ति से मामला खटाई में पड़ गया था।
अभी लग सकता है कुछ और महीनों का समय
अब वहां के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के तैयार होने से फिनलैंड और स्वीडन का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन दोनों देशों के औपचारिक रूप से सदस्य बनने में अभी कुछ और महीनों का समय लग सकता है।
राष्ट्रपति एर्दोगन को धन्यवाद भी दिया
मैड्रिड में हो रही नाटो समिट में गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने इस सिलसिले में खासतौर से तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन को धन्यवाद भी दिया। बाइडन ने यूक्रेन से खाद्यान्न निर्यात के लिए भी एर्दोगन के प्रयास की प्रशंसा की। बाइडन ने कहा, वह बहुत अच्छे कार्य कर रहे हैं। बाइडन ने तुर्किये को एफ 16 लड़ाकू विमान बेचने के प्रस्ताव का समर्थन करने की भी घोषणा की।
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