कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नवजोत सिद्धू के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की। राहुल ने पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की, जिसमें कैप्टन भी पहुंचे थे। पहले माना जा रहा था कि दोनों के बीच सिद्धू मामले पर चर्चा होगी, लेकिन ऐसा न होने से कैप्टन के फैसले को और बल मिला है।
राहुल की बैठक के केंद्र में पार्टी के संगठन का मुद्दा रहा, लेकिन पंजाब कांग्रेस की नजर इस बात पर थी कि क्या राहुल बैठक के बाद कैप्टन से कोई बात करते हैं या नहीं? कैप्टन और सिद्धू के बीच हुए विवाद के बाद यह पहला मौका था जब राहुल व कैप्टन का आमना-सामना हुआ हो। राहुल द्वारा सिद्धू पर कोई चर्चा न करने से इस बात के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं कि पार्टी हाईकमान इस मामले में कैप्टन पर कोई दबाव नहीं बनाना चाहता है।
बता दें कि छह जून को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू समेत 13 मंत्रियों के विभाग बदल दिए थे। सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग लेकर उन्हें ऊर्जा विभाग दे दिया था। इससे सिद्धू खुश नहीं हैैं। उन्होंने अभी तक अपने नए विभाग का चार्ज नहीं संभाला है। विभाग बदले जाने के चौथे दिन ही सिद्धू ने राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। जिस पर राहुल ने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को जिम्मेदारी सौंपी थी कि कैप्टन व सिद्धू के बीच विवाद को हल करवाएं। शनिवार को कैप्टन अहमद पटेल से भी मिले थे।
कैप्टन के बैठक में पहुंचने के बाद सभी की नजर इस बात पर थी कि क्या राहुल कैप्टन को कोई निर्देश देते हैं? भले ही कांग्रेस सरकार की किरकिरी हो रही हो, लेकिन कैप्टन इस मामले में सीधे कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं।