आज (20 अगस्त) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
कांग्रेस नेता और राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वीर भूमि पर पिता राजीव को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहे और उन्होंने भी पुष्पांजलि अर्पित की। सोनिया गांधी ने भी संसद के सेंट्रल हॉल में जाकर राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें याद किया।
राहुल गांधी ने किया पिता को याद
राहुल गांधी ने अपने पिता को याद करते हुए एक्स पर लिखा, “एक करुणामय व्यक्तित्व, सौहार्द और सद्भावना के प्रतीक पापा, आपकी सीख मेरी प्रेरणा है, और भारत के लिए आपके सपने मेरे अपने- आपकी यादें साथ ले कर इन्हें पूरा करूंगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पूर्व पीएम को याद करते हुए लिखा, “हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।” कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने भी राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने अभूतपूर्व योगदान से भारत को 21वीं सदी में पहुंचाया।
राजीव गांधी भारत के महान सपूत थे- कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, “आज देश सद्भावना दिवस मना रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री, राजीव गांधी भारत के महान सपूत थे। उन्होंने करोड़ों भारतीयों में आशा की किरण जगाई और अपने अभूतपूर्व योगदान से भारत को 21वीं सदी में पहुंचा दिया।”
दूरसंचार और आईटी क्रांति लेकर आए राजीव- खरगे
खरगे ने लिखा, “मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम, निरंतर शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और समावेशी शिक्षा पर जोर देने वाली नई शिक्षा नीति जैसे उनके कई सुखद कदम देश में परिवर्तनकारी बदलाव लाए।”
मां की हत्या के बाद संभाली थी कांग्रेस की कमान
बता दें कि राजीव गांधी ने साल 1984 में अपनी मां और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस की कमान संभाली थी। वह 40 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे।
आत्मघाती हमलावर ने कर दी थी राजीव की हत्या
उनका जन्म 20 अगस्त 1944 हुआ था। वहीं, 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के आत्मघाती हमलावर द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी।