राजधानी लखनऊ को पयर्टन राजधानी आगरा से जोडऩे वाला लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे अब तो हादसों का एक्सप्रेस वे साबित हो रहा है। रविवार रात को सात लोगों की मौत के बाद सोमवार रात बस तथा फॉर्च्यूनर की भिड़ंत में छह लोगों की मौत हो गई।
सोमवार देर रात दिल्ली से बिहार जा रही तेज रफ्तार बिहार राज्य सड़क परिहवन निगम की वॉल्वो बस के चालक को झपकी आ गई और इसके बाद बस ने डिवाइडर पार कर आगरा से दिल्ली जा रही तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर कार में जोरदार टक्कर मार दी। इस टक्कर से फॉर्च्यूनर डिवाइडर से टकरा गई और उसमें बैठे पांच लोगों की मौत हो गई। बस एक्सप्रेस वे से उतर कर सर्विस लेन में जा गिरी। इससे बस चालक की मौत हो गई और 15 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। बस में 40 यात्री बताए जा रहे हैं। हादसे में घायल मुजफ्फरपुर निवासी दिलीप को देर रात अस्पताल पहुंचाया गया। उसकी स्थिति ऐसी हो चुकी थी कि हादसे के बारे में ठीक से कुछ जानकारी नहीं दे पा रहा है।
पुलिस के मुताबिक फॉर्च्यूनर कार दिल्ली निवासी सुनीता सिंह के नाम से पंजीकृत है। फॉर्च्यूनर कार सवार पांच व्यक्ति लखनऊ से आगरा की ओर जा रहे थे, जबकि वॉल्वो बस गाजियाबाद के कौशांबी से बिहार जा रही थी। इसी में बस यात्रियों के मुताबिक चालक को झपकी आ गई और अचानक बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर को पार करते हुए दूसरी लेन पर जा पहुंची। यात्रियों ने शोर मचाया तो चालक ने बस को मोड़ा और तभी बस सामने आ रही फॉर्च्यूनर से टकरा गई। इसके बाद बस चालक भी नियंत्रण खो बैठा और बस एक्सप्रेस वे की बैरीकेडिंग तोड़ते हुए सर्विस लेन पर जा गिरी।
राहगीरों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी तो तुरंत यूपीडा और यूपी 112 की गाडिय़ां, बिल्हौर, ककवन थाने के फोर्स संग सीओ मौके पर पहुंचे और यात्रियों को बस से निकालकर अस्पताल भेजना शुरू किया। फॉर्च्यूनर सवार पांचों लोग कार में अंदर फंसे हुए थे। देर रात ही उन्हें निकालने के लिए गैस कटर मंगवाया गया। बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा ने बताया कि हादसे में छह लोगों की मौत की सूचना है। घायलों को तुरंत सीएचसी और नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कानपुर के एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि हादसे में छह लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। कार सवार चार लोगों की पहचान हो चुकी है। सनी (35), मुकेश (40), राम शंकर व सुरजीत, की मौत हो गई। वहीं, कार दिल्ली की सुनीता सिंह के नाम हैं।
नवनीत शंकर मुजफ्फरपुर, प्रदीप और कबीर मैनपुरी, मित्रा सिंह मैनपुरी, आलोक दिल्ली, प्रदीप, भूरी सिंह, राकेश, सुखबीर सिंह और अजय पाल समेत 20 से अधिक लोग हादसे में घायल हुए हैं।
एसयूवी से पुलिस अंदाजा लगा रही है कि टक्कर इतनी भीषण थी कि कार में सेफ्टी बैलून खुलने के बावजूद उसमें सवार किसी की जान नहीं बच सकी।
बिल्हौर थाना क्षेत्र के गांव सिंघौली निवासी अमित दोस्तों प्रशांत, गोलू, वैभव के साथ शादी में मकनपुर आये हुए थे। घर वापस जाने के दौरान तेज आवाज सुनी तो इन सभी लोगों ने घटनास्थल की ओर बाइक दौड़ा दी। वहां पहुंचे तो बस में चीख पुकार मची हुई थी। अमित और उनके दोस्तों ने बस से सभी को बाहर निकाला। इसी बीच बस चालक ने बचाव की आवाज लगाई तो लोग उसकी ओर दौड़े। जब तक लोग उसे निकाल पाते, उसकी मौत हो गई। चालक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। बस से सुरक्षित निकलने के बाद सवारियों ने युवाओं का धन्यवाद किया।
एक्सप्रेस वे से बस रेलिंग को तोड़ते हुए सीधे नीचे की ओर बढऩे लगी। बस सर्विस रोड़ पर बनी पुलिया में जाकर फंस गई। गनीमत रही कि बस एक्सप्रेस वे से लुढ़कते हुए नीचे नहीं गिरी, नहीं तो मौत का आंकड़ा बढ़ सकता था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अगर बस पुलिया के सहारे न रुकती तो आगे सर्विस रोड़ पर लगे पिलरों से टकरा सकती थी। इससे हादसा और बढ़ा हो सकता था।
गाजियाबाद के कौशांबी से बस शाम करीब साढ़े चार बजे 40 यात्रियों को लेकर बिहार के लिए चली थी। घायल यात्रियों ने बताया कि हादसे से पांच मिनट पहले ही चालक ने हाईवे किनारे ही बस रोकी और लघुशंका करने चला गया। कुछ देर बाद आकर पानी पीकर फिर बस चलाने लगा। कुछ दूर चलते ही यह हादसा हो गया।
दिल्ली से मुजफ्फरपुर (बिहार) स्थित अपने घर लौट रही एमबीए की छात्रा सुनीति ने बताया कि वह जरूरी काम से दिल्ली गई थीं और वहीं से घर लौट रही थीं। बीना ने बताया कि रास्ते में दो स्थानों पर चालक ने बस रोकी थी, एक स्थान पर यात्रियों ने उतरकर खाना भी खाया था। इसके बाद वह अपनी सीट पर सो रही थीं। इसी बीच तेज आवाज सुनाई दी और जागीं तो बस सर्विस लेन से नीचे गिर गई थी। वहीं, नूतन चौधरी ने बताया कि उनके पति सौरभ दिल्ली एयरफोर्स में तैनात हैं, उन्हीं से मिलकर वापस घर मुजफ्फरपुर लौट रही थीं कि ये हादसा हो गया। कोलकाता में पेंटर का काम करने वाले विश्वजीत ने बताया कि वह कारोबार के सिलसिले में दिल्ली गए थे। वहीं से लौट रहे थे। चालक ने हादसे से पूर्व जब बस रोकी तो वह भी उतरे थे। सीट पर बैठे ही थे कि पांच मिनट बाद यह हादसा हुआ।
टक्कर से फॉर्च्यूनर कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्र्रस्त हो गया था। राहगीरों ने पीछे वाला गेट खोला तो अंदर का नजारा देख उनके रोंगटे खड़े हो गए। सीट पर बैठे यात्री एक दूसरे के ऊपर पड़े थे। अंदर खून ही खून फैला था। कार ऊपर से भी दब गई थी, इसलिए किसी को भी निकाला नहीं जा सका। पुलिस ने आकर जब गैस कटर से कार की बॉडी कटवाई तब कहीं जाकर शव निकाले गए। पुलिस देर रात तक मृतकों की शिनाख्त नहीं कर सकी, लेकिन कार नंबर दिल्ली पुलिस को बताकर कार मालिक से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। सीओ ने बताया कि कार में मौजूद चालक की आइडी व अन्य दस्तावेज अभी नहीं देखे जा सके हैं।