मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को वेटरिनरी यूनिवर्सिटी, मथुरा के डेयरी फार्म पर ऑटोमेटिक मिल्क प्लांट का शुभारंभ किया। यहां बकरी के दूध के उत्पाद तैयार किये जायंगे। यह देश का पहला प्लांट है।
मंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक रीढ़ कृषि और कृषि आधारित पशुपालन है। आज मथुरा में बकरी के गर्भाधान के लिये चार लाख डोज तैयार करने वाला प्रोजेक्ट भी मथुरा में हैं।
गिरीराज सिंह बोले कि आज बकरी, मुर्गी पालन को महत्व दिया जा रहा है। इंटीग्रेटेड फार्मिंग को लेकर मंत्री ने कहा कि इसका एक मॉडल बरेली में बनाया गया है।
दूसरा मॉडल मथुरा में बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इसको किसानों तक पहुंंचाना है। किसान देख कर सीखता है। वर्ष 2020-21 तक उनका संकल्प है कि दो जानवरों से किसान की आय तीन लाख वार्षिक हो। इस दिशा में वह काम कर रहे है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आज उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या है बेसहारा पशु है। कल वही बेसहारा नही किसान का सहारा बनेगा। इसके बाद मंत्री ने वेटरिनरी में दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसमें बकरी पालन को बढ़वा देने के लिए मंथन किया जयेगा।
केंद्रीय मंत्री रविवार को मथुरा आए थे। यहां बरसाना में माताजी गोशाला का निरीक्षण और ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आज किसान अधिक रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहा है।
इससे उनको ज्यादा उपज दिखाई दे रही है, मगर आने वाला कल दिखाई नहीं दे रहा है। भारत पहले ऑर्गेनिक प्रधान देश था। हमारे यहां गोबर और गोमूत्र की विशेष महिमा है, यदि हम गोबर में कुछ तत्व मिलाकर उसकी शक्ति को फोर-टू-वन के अनुपात से बढ़ा सकते हैं तो वह हमें करना चाहिए।
नागरिकता संशोधन बिल पर अपने बयान भारतवासी तेरा-मेरा रिश्ता क्या‘जय श्री राम, जय श्री राम’पर कहा कि इन नारों से उन्हें परेशानी है जो भारत माता की जय कहने के बजाय आतंकवादी अफजल गुरु की बरसी पर कितने अफजल मारोगे, भारत तेरे टुकड़े होंगे। उनका इस तरह का कृत्य अब इस देश में नहीं चलेगा। वहीं जिस संस्थान में शिक्षण, शिक्षा संस्कृति की बात होनी चाहिए। आज वहां आतंकवादियों के मरने पर शोक व्यक्त किया जाता है।