नई दिल्ली। कश्मीर में बसे अलगाववादियों को अब तगड़ा झटका लग सकता है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं, इस बार एक भारतीय आम नागरिक देगा १०० कड़ोड का फटका। जानकारों के मुताबीक ये फटका १०० करोड़ रुपए से ऊपर का भी हो सकता है। अलगाववादिओं के चैन की नींद को हराम करने के लिये अब ज़रूरत है सिर्फ़ सुप्रीम कोर्ट के एक इशारे की . सुप्रीम कोर्ट भी इसके लिए तैयार हो जायेगा ऐसा मालूम हो रहा है। इस जनहित याचिका को दाखिल करने वाले शख्स ML Sharma खुद एक मशहूर अधिवक्ता है
कश्मीर पर कोर्ट का रुख, ML Sharma filed PIL
मामला है, अलगाववादियों को कश्मीर में मुफ़्त मैं मिल रही करीब १०० करोड़ रुपए के सरकारी सुविधाओं की, आज माननीय सुप्रीम कोर्ट मैं इस के खिलाफ एक याचिका भी दायर की गई है। दाखिल करने वाले शख्स ML Sharma खुद एक मशहूर अधिवक्ता है
याचिकाकर्ता ML Sharma ने इस मसले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट मैं गुहार लगायी है, जस्टिस एल नागेश्वर राव और अनिल आर दवे की बेंच शायद इस मसले पर सुनवाई कर सकती है. याचिकाकर्ता ML Sharma का तर्क है की सरकारी सहायता के तौर पर मिलने वाले १०० करोड़ रुपए को अलगाववादी, आतंकी गतिविधियों में प्रयोग कर रहे हैं। आतंकवादि गतिविधियों को कम करने के लिये इसे रोकने की सख्त जरूरत है।
जस्टिस दवे ने इस पर टिप्पनी देते हुये कहा, कि ‘हम आपकी भावनाओं से सहमत हैं। यहां बैठा हर कोई शख्स शायद ऐसा ही सोचता होगा , लेकिन हम आपके लिए नियम को नहीं बदल सकते। आप डायरी नंबर लेकर आइए। फिर हम सुनवाई की तारीख तय करेंगे।’
जस्टिस दवे का कहना था की वो याचिका कर्ता की भावनाओं को समझते हैं और इस पर सुनवाई के लिए भी प्रस्तृत हैं.
आप की जानकारी के लिये बता दें की पीछले बुधवार को – केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भारत सरकार,हंसराज अहीर, ने भी अलगाववादियों को मिलने वाली सभी सुविधायों को वापस लेने की सरकार से अपील की थी। हंसराज अहीर ने कहा था कि अलगाववादियों को और आतंकियों एक ही चश्मे से देखने की जरूरत है, दोनो पृथक पृथक नहीं है एवं इन के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए।