यूपी एटीएस ने रविवार को एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड का खुलासा करते हुए 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये लोग फर्जी आईडी से सिम कार्ड खरीदकर और बैंक खाते खुलवाकर लाखों रुपये का लेनदेन कर रहे थे। एटीएस ने यूपी से 9 और दिल्ली से 5 गिरफ्तारियां की हैं।
बताया जा रहा है कि ये लोग फर्जी खाते खुलवाकर विदेशों से रुपये मंगवाते थे। एटीएस ने आरोपियों के पास से 300 सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। मामले में दो विदेशियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
बता दें कि एटीएस ने मुरादाबाद, अमरोहा और संभल में छापेमारी कर उन लोगों को हिरासत में लिया है, जिन्होंने फर्जी कागजात पर सिमकार्ड बेचे थे। अब एटीएस उन खातों को पता लगाने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए है, जहां से खातों का संचालन किया जा रहा था और पैसे निकाले जा रहे थे। एटीएस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पैसे कहां से जमा हो रहे थे, किस मशीन से निकाले जा रहे थे और इन पैसों का इस्तेमाल कहां हो रहा था?
एटीएस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं हवाला के पैसे खातों के जरिए तो नहीं आ रहे थे? या फिर मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा खेल तो नहीं खेला जा रहा है? फर्जी सिम से खोले गए खातों और कार्डलेस ट्रांजेक्शन के बारे में एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि इस खेल में किन लोगों का हाथ है? क्या इसमें विदेशी ताकतें शामिल हैं? इन पैसों का इस्तेमाल देश के विरुद्ध तो नहीं किया जा रहा था? जासूसी के लिए इन पैसों का इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा था?