समाजवादी पार्टी (सपा) और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार ने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान जो विकास कार्य शुरू हुए थे उसे ही आगे बढ़ाया है.
मीडिया के साथ विशेष बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अपने घोषणा पत्र को गीता की तरह पवित्र बताया था. लेकिन जमीन पर कोई विकास कार्य नजर नहीं आ रहा है. अगर देखा जाए तो यूपी की योगी सरकार ने वहीं विकास कार्यों को आगे बढ़ाया है जिसे समाजवादी पार्टी की सरकार ने शुरू किया था.
योगी सरकार ने शिलान्यास का शिलान्यास किया है. उद्घाटन का उद्घाटन किया है. लेकिन यूपी सरकार चार साल का जश्न मना रही है. बीजेपी सरकार की उपलब्धि ये है कि जिन पट्टियों पर नाम लिखे जाते हैं उसे वो सिर्फ पट्टियां बदल रही है.
अखिलेश यादव ने कहा कि चार साल के कार्यकाल में किसानों के खिलाफ, कृषि विरोधी तीन कानून आ गए हैं. चार साल में युवाओं को कितना रोजगार मिला है, कितनी नौकरियां मिली है ये जवाब सरकार को देना चाहिए.
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अगर कुछ सीखने लायक है तो यही कि झूठ कैसे बोला जाता है. इनसे यह सीखने लायक है कि दूसरे के कामों को खुद का काम कैसे बताया जाता है. मैंने खुद लखनऊ में मेट्रो का उद्घाटन किया था. पूरी कैबिनेट ने मिलकर उस दौरान इसका फैसला किया था. पूरी नौकरशाही ने मिलकर प्लान तैयार किया था. आज भी तो वही अधिकारी काम कर रहे हैं.
रायबरेली में एम्स, एक्सप्रेसवे बनाने का ये (बीजेपी) दावा करते हैं, जबकि एम्स के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार ने जमीन दी थी. एम्स उसी समय शुरू हो गया था. गोरखपुर में अथॉरिटी की कीमती जमीन हमारी सरकार के दौरान मुहैया कराई गई थी. मैं योगी सरकार से पूछना चाहता हूं कि किस एम्स के लिए आपने जमीन दी, किस एम्स को आपने बनाने का काम किया. ये सब पुरानी योजनाएं हैं, जो उस दौरान शुरू हुई थीं. सभी मेडिकल कॉलेज सपा सरकार के दौरान खोले गए थे. जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में कन्वर्ट करना था, उन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य अब पूरे हो रहे हैं.
सपा प्रमुख ने कहा कि जहां तक बिजली का सवाल है, वो सारे काम समाजवादी पार्टी के सरकार ने किए हैं. इन्होंने सिर्फ मीटर ठोके हैं. मीटर ठोकने के बाद जो बड़ी बात सामने आई है वो है बिल. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार जातियों के बीच झगड़े कराना चाहती है. सरकार केवल हिंदू-मुस्लिम करना चाहती है. विकास कार्य कैसे करना है ये नहीं हो रहा है. इस सरकार में सिर्फ यही चल रहा है कि लोगों पर फर्जी मुकदमे कैसे दायर हो जाएं. लोगों को जेल कैसे भेजा जाए.
यूपी में पंचायत चुनावों में आरक्षण के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार की असल में नीयत ही साफ नहीं है. नोटबंदी लागू की, नीयत साफ नहीं थी, जीएसटी लागू किया, नीयत साफ नहीं थी, कोविड फैला नीयत साफ नहीं थी. कोरोना लॉकडाउन लगाया उसमें नीयत साफ नहीं थी. इसीलिए पंचायत चुनावों में इनकी नीयत साफ नहीं थी. बीजेपी अपने मनमुताबिक रिजर्वेशन लागू करना चाहती थी इसीलिए उसकी फजीहत हुई है. लेकिन खुशी की बात है कि न्यायालय ने पूरानी व्यवस्था लागू की है.
यूपी में अजान को लेकर मुकदमा दर्ज कराने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि ये सब बीजेपी के लोग हैं जिन्हें हिंदू-मुस्लिम करने के लिए आगे कर दिया जाता है. इलाहाबाद की वीसी के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि सिफारिश पर वाइस चांसलर की नियुक्ति होती है. बीजेपी सरकार पर सवाल है कि आपने पिछड़े समाज से कितने वाइस चांसलर बनाए, कितने दलित वाइस चांसलर बनाए. कितने मुस्लिम वाइस चांसलर बने हैं. सबका साथ, सबका विकास की बात कहते हैं लेकिन सभी समाज के लोगों की कितनी नियुक्तियां हुई हैं.