आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा। पिछली बार मोदी की कैबिनेट में हरियाणा के दो सांसदों को मंत्री बनने का अवसर मिला था। इस बार मनोहर लाल और राव इंद्रजीत का कैबिनेट में शामिल होने का दावा सबसे मजबूत है।
नरेंद्र मोदी की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आज है। उनके साथ कई मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। इसके साथ ही कयासबाजी शुरू हो गई है हरियाणा से मोदी 3.0 की सरकार में किसे मौका मिल सकता है। हरियाणा से पांच सांसद चुने गए हैं, जिनमें वरिष्ठता के आधार पर पूर्व सीएम मनोहर लाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के मोदी की कैबिनेट में शामिल होने के आसार हैं।
पिछली बार मोदी की कैबिनेट में हरियाणा के दो सांसदों को मंत्री बनने का अवसर मिला था। इस बार भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। सरकार चलाने के लिए उसे अगले पांच साल के लिए एनडीए के सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा। ऐसे में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व एक सांसद को संगठन में और दूसरे को कैबिनेट में मौका दे सकता है।
हरियाणा से चुने गए भाजपा के पांच सांसदों में मनोहर लाल और राव इंद्रजीत का कैबिनेट में शामिल होने का दावा सबसे मजबूत है। पूर्व सीएम मनोहर लाल पहली बार सांसद चुने गए हैं। वह साढ़े नौ साल तक राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, मगर 12 मार्च को शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें हटाकर नायब सिंह सैनी को कुर्सी पर बैठा दिया। मनोहर लाल की पीएम मोदी के साथ शाह के साथ अच्छी घनिष्ठता है। ऐसे में उन्हें कैबिनेट में मौका मिल सकता है।
मगर एक चर्चा यह भी है कि उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के बजाय संगठन में भी जगह दी जा सकती है। दरअसल जेपी नड्डा का कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है। नड्डा की जगह जिन दो नामों पर चर्चा चल रही है, उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम मनोहर लाल का नाम शामिल है। सीएम बनने से पहले मनोहर लाल संगठन का ही कामकाज देखते थे। भाजपा के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया कि मनोहर को राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) भी नियुक्त किया जा सकता है।
राज्य से चुने गए दूसरे वरिष्ठ सांसद राव इंद्रजीत को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। उनका दावा इस लिहाज से मजबूत है कि वह अब तक तीन बार केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। मोदी के साथ भी उनकी नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। वहीं, अहीरवाल बेल्ट में उनका अच्छा प्रभाव है। अहीरवाल बेल्ट में राज्य की 14 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें अधिकतर सीटों पर उनका दबदबा है। राज्य में चार महीने बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
भाजपा की पिछली सरकार में अहीरवाल बेल्ट का अहम रोल रहा था। ऐसे में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राव इंद्रजीत की भी कैबिनेट में शामिल करने की पैरवी कर सकता है। पिछली सरकार में फरीदाबाद से चुने गए सांसद कृष्ण पाल गुर्जर भी मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल थे। जिस तरह से परिस्थितियां बदली हैं, उस हिसाब से उन्हें इस बार मौका मिलना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि तीसरी बार जीतकर आए गुर्जर को प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त किया जा सकता है। वह भाजपा से तब से जुड़े, जब भाजपा का हरियाणा में कुछ भी नहीं था।