आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों के बावजूद केंद्र सरकार देश की आंतरिक सुरक्षा पर खर्च होने वाली राशि से कोई समझौता नहीं करेगी। केंद्र सरकार की ओर से मिले संकेतों के मुताबिक सुरक्षाबलों के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त बजटीय आवंटन किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार पुलिस बलों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए भी अतिरिक्त राशि का इंतजाम किया जा सकता है। सुदूरवर्ती इलाकों में तैनात सुरक्षाबलों को अत्याधुनिक उपकरण देने और सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक और अनकट बाड़ लगाने के लिए भी पहले की तुलना में ज्यादा बजट दिया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि बजट के लिहाज से इस बार चुनौतीपूर्ण स्थितियां हैं, लेकिन सरकार देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर सकती। बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी के लिए दिया जाने वाला बजट मामूली रूप से बढ़ सकता है। समग्र रूप से आंतरिक सुरक्षा पर खर्च की जाने वाली राशि में सात से आठ फीसदी बढ़ोतरी संभव है। हालांकि, संशोधित अनुमानों से तुलना करने पर यह राशि बहुत ज्यादा नहीं होगी।
नक्सल-आतंकवाद प्रभावित इलाकों के लिए खास कोष
नक्सल प्रभावित इलाकों के अलावा आतंकवाद से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में आतंकवादरोधी अभियानों के लिए खास कोष का इंतजाम बजट में संभव है। सरकार सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ाने के लिए बजट में पर्याप्त राशि का आवंटन करेगी। ड्रोन हमलों का खतरा देखते हुए सरहद की निगरानी में तैनात सुरक्षाबलों को एंटी ड्रोन तकनीक से लैस करने के लिए भी आवंटन किया जाएगा।
नई बटालियन के लिए अतिरिक्त राशि का आवंटन संभव
सुरक्षाबलों में नई बटालियन की भी जरूरत बताई गई है। अगर केंद्र सरकार इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूर करती है तो नई बटालियन बनाने से जुड़ी मद में भी अतिरिक्त राशि देनी होगी। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों के स्वरूप में सुधारात्मक बदलाव को लेकर चल रही चर्चा के बीच कुछ नए ऐलान बजट में मुमकिन हैं। असम राइफल्स को लेकर भी स्थिति बजट में स्पष्ट हो सकती है।
बीएसएफ के पूर्व एडीजी पीके मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से पंजाब में पाकिस्तान ने ड्रोन भेजकर हथियार गिराए हैं, उसे देखते हुए नई चुनौतियों से निपटने की दृष्टि भी बजट में होनी चाहिए। सुरक्षाबलों को बड़े पैमाने पर नए किस्म के हथियारों की जरूरत है। कश्मीर में आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए उन्हें विशेष प्रोत्साहन भी मिलना चाहिए। इसलिए प्रमोशन के लंबित मुद्दों के समधान की घोषणा भी बजट में होनी चाहिए।