गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कभी देश के 90 जिलों को अपने कब्जे में ले चुकी नक्सली हिंसा अब 46 जिलों तक सिमट गई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को बताया कि समझा जाता है कि 11 राज्यों के 90 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं और इन जिलों को गृह मंत्रालय की सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत रखा गया।
उन्होंने बताया कि सरकार के विभिन्न प्रयासों के फलस्वरूप 2019 में नक्सली हिंसा की घटनाओं की खबर 61 जिलों से आई और अब साल 2020 के शुरुआती छह माह में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं की खबरें केवल 46 जिलों से आईं।
रेड्डी ने यह भी बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में 2015 से 15 अगस्त 2020 तक 350 सुरक्षा कर्मियों और 963 आम नागरिकों के साथ 871 नक्सलियों की मौत हुई है।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि इस अवधि में 4,022 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पांच अगस्त 2019 से 31 अगस्त 2020 तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 45 नागरिकों और 49 सुरक्षाकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।