नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दिन कुछ दिनों से बुरे चल रहे हैं, तभी तो आए दिन उन्हें कोई न कोई झटका मिल रहा है। अब हाईकोर्ट ने केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच चल रही अधिकारों की लड़ाई पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों मे आखिरी फैसला केंद्र ही करेगा।
केजरीवाल नहीं एलजी होंगे दिल्ली के बॉस
आज दिल्ली हाई कोर्ट तय करना था कि आखिर दिल्ली पर किसका कितना अधिकार। क्या दिल्ली को लेकर जारी केंद्र सरकार की अधिसूचना सही थी या नहीं, या क्या दिल्ली सरकार बिना उपराज्यपाल की अनुमति के फैसले ले सकती है? या फिर क्या उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के फैसले को मानना ज़रूरी होगा। अब सब साफ है कि दिल्ली का बॉस एलजी (उपराज्यपाल) नजीब जंग ही हैं। भारत के संविधान के आर्टिकल 239AA के तहत भारत की यूनियन टैरिटरी में पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन से जुड़े मामलों मे पॉवर केंद्र के हाथ में है। और दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे अपने आदेश में भी बरकरार रखा है।
हाईकोर्ट के फैसले से संतुष्ट न हो तो सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं
अधिकारों की लड़ाई के बीच दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच शक्तियों की व्याख्या पर फैसला देने से रोकने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चकी है और अब उसे रोका नहीं जा सकता। अगर हाईकोर्ट के फैसले से संतुष्ट न हो तो सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
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