‘बारह दिनों से जिस बेटी को तलाश करने में दिन-रात एक कर दिया। भूख-प्यास का भी ख्याल नहीं रहा। हमेशा यही सोचता था कि न जाने बेटी किस हालत में होगी। इन बारह दिनों में पुलिस चौकी से लेकर थाने और आला अधिकारियों के ऑफिसों के चक्कर भी लगाए। बेटी को तलाशने को मैं पुलिस से गुहार लगाता रहा और पुलिस उसे दुतकारती रही
पुलिस ने अगर इस मामले को पहले ही दिन गंभीरता से लिया होता तो शायद आज बेटी जिंदा होती। ’ यमुना के डूब क्षेत्र में बेटी का शव मिलने के बाद बेबस पिता जब आपबीती बता रहा था तो उसकी आंखों से आंसू भी लगातार छलक रहे थे। खेड़ी थाना क्षेत्र के में रहने वाली एक सोलह वर्षीय किशोरी की हत्या कर उसके शव को यमुना के डूब क्षेत्र में दफनाने के मामले में पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
किशोरी के पिता ने बताया कि वह बीते बारह दिनों से पुलिस से मदद गुहार लगाते रहे। जब भी वह पुलिस के पास जाता, उसे यह कहकर टरका दिया जाता कि अभी तलाश जारी है। जबकि हकीकत यह है कि पुलिस ने लापता बेटी को तलाशने की कवायद ही नहीं की। उन्होंने खुद के प्रयास के वसीम नाम के एक आरोपी को पकड़ कर उससे पूछताछ की।
उसने बेटी की हत्या कर उसे ठिकाने लगाने की वारदात में शामिल होना बताया। इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उसकी निशानदेही पर डूब क्षेत्र से किशोरी के शव को बरामद कर लिया। किशोरी के पिता ने बताया कि सोलह वर्षीय बेटी के गुमशुदगी के बारे में शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो उन्होंने दुत्कार कर भगा दिया। कई बार आग्रह पर उन्होंने मामला दर्ज किया।
उन्होंने मामले के जांच अधिकारी श्रीराम पर भी आरोपियों से सांठगांठ करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस मामले की सीसीटीवी फुटेज देने के बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ़्तार करने के बजाए उनके साथ गाली गलौंच कर भगा देती थी। कार की सीसीटीवी फुटेज देने के बाद भी पुलिस आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी।
यमुना के डूब क्षेत्र में किशोरी के शव को देखने बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने एहतियात के तौर पर आसपास के विभिन्न थानों की पुलिस व महिला आरक्षी व दरोगा को मौके पर तैनात कर दिया गया। लोगों को आसपास आने नहीं दिया गया। पुलिस ने शव को तुरंत वाहन में डाल कर गांव से बाहर निकल गई। मौके पर पहुंची फोरेंसिक व फिंगर प्रिंट टीम भी मौके पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए।