बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पद छोड़ने वाले गुप्तेश्वर पांडेय ने राजनीतिक दल में शामिल होने और चुनाव लड़ने को लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि वह अभी किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं और जब वह ऐसा करने तो सभी को बता देंगे। हालांकि ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह जल्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जदयू में शामिल होकर बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वह अब स्वतंत्र व्यक्ति हैं और यदि लोग चाहें तो वह राजनीति में शामिल हो सकते हैं। वह लोगों से बात करने के बाद इस पर फैसला लेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना गैरकानूनी नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां तक समाज सेवा की बात है, वह राजनीति में गए बिना भी ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, मेरी सेवानिवृत्ति का सुशांत मामले से लेना-देना नहीं है। मैंने एक असहाय पिता की मदद की है। मैंने देश की सेवा में तीन दशक से अधिक समय बिताया। कोई मेरी ईमानदारी पर अंगुली नहीं उठा सकता।
बता दें कि गुप्तेश्वर पांडे के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अब वे राजनीति में कदम रख सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि निकट भविष्य में उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है।उन्होंने बुधवार को स्पष्ट किया है कि वे किसी राजनीतिक दल में नहीं हैं और आगे भी किसी दल से जुड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है। जहां तक समाज सेवा की बात है, वे राजनीति में गए बिना भी ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, मेरी सेवानिवृत्ति का सुशांत मामले से कोई लेना-देना नहीं है। मैंने केवल एक असहाय पिता की मदद की है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने देश की सेवा में तीन दशक से अधिक का समय बिताया है और कोई भी मेरी ईमानदारी पर उंगली नहीं उठा सकता।
पूर्व डीजीपी ने कहा, हाल के दिनों में कई लोगों ने मुझे फोन किए। उन सभी को यह जानना था कि मैं राजनीति में कब प्रवेश कर रहा हूं और किस पार्टी में शामिल होने की योजना बना रहा हूं। लेकिन मैं साफ कर दूं कि मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। लेकिन जब मैं ऐसा कोई फैसला करूंगा, तो स्वयं बताऊंगा। बता दें कि डीजीपी रहते हुए गुप्तेश्वर पांडे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी अधिकारी माना जाता था।
गुप्तेश्वर पांडेय की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के बाद डीजीपी के पद पर नई नियुक्ति के लिए डीजी रैंक के अफसरों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजा जाएगा। फिलहाल राज्य सरकार ने 1988 के आईपीएस अफसर एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार सौंपा है। गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही डीजीपी रैंक के अफसरों के नाम का पैनल यूपीएससी को भेजा जाएगा।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए विकास कार्यों के आधार पर लड़ा जाएगा। पीएम द्वारा घोषित 1.70 लाख करोड़ के पैकेज का बिहार में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हुआ है और जदयू-भाजपा गठबंधन फिर से सत्ता में आएगा।
राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल होने की अटकलें लग रही हैं। इससे पहले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की अगुवाई वाली ‘हम’ भी एनडीए में शामिल हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि आरएलएसपी नेता जदयू और भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसमें अहम भूमिका पार्टी महासचिव माधव आनंद निभा रहे हैं।