‘‘मेरा दिल देश में बसता हैं, संविधान में बसता है और जनता में बसता है : राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को एक सदस्य द्वारा उनके निष्पक्ष रवैये पर सवाल उठाए जाने पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि आसन को निष्प्रभावी करने के प्रयासों के आगे वह नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दिल देश में बसता हैं, संविधान में बसता है और जनता में बसता है। मैं इसकी (आरोपों) चिंता नहीं करता, लेकिन एक इंसान होने के नाते दुख होता है। मुझे बहुत दुख हुआ है।’’

दरअसल, आज शुरू हुई उच्च सदन की बैठक के दौरान वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने कहा कि कुछ दिन पहले तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के एक सदस्य ने इस सदन में एक ‘‘आपत्तिजनक’’ मामला उठाया था। उन्होंने न किसी का नाम लिया और न ही मामले का जिक्र किया, लेकिन व्यवस्था के प्रश्न के जरिये यह मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘‘इस मामले को उठाया नहीं जाना चाहिए था। इसे सदन की कार्यवाही से निकाला जाना चाहिए।’’

इस पर सभापति नायडू ने कहा कि यह व्यवस्था के प्रश्न से जुड़ा मुद्दा नहीं है और संबंधित सदस्य उन्हें लिखित में अपनी आपत्ति जता सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कुछ आपत्तिजनक होगा और नियम उसकी अनुमति नहीं देते हैं तो मैं आवश्यक कार्रवाई करूंगा।’’ हालांकि, इसके बावजूद रेड्डी बोलते रहे।

सभापति ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा। इस बीच रेड्डी ने सभापति पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। इस पर नायडू ने कहा ‘‘आप कह रहे हैं कि आसन पक्षपात करता है।’’ वहीं, कांग्रेस के जयराम रमेश और बीजू जनता दल के प्रसन्ना आचार्य ने वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य रेड्डी द्वारा सभापति पर लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जताई और उन पर कार्रवाई की मांग की आचार्य ने कहा, ‘‘इसकी निंदा की जानी चाहिए। कार्रवाई होनी चाहिए।’’

नायडू ने कहा, ‘‘मुझे आज बहुत दुख हुआ है। ऐसा कभी पहले सदन में नहीं हुआ है। सदन में बहस या चर्चा के दौरान अगर कुछ भी आपत्तिजनक होता है तो वह उसी दिन आसन के संज्ञान में लाया जा सकता है। जांच के बाद उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। इस मामले में किसी ने भी न तो आपत्ति जताई न ही विरोध किया। मेरे संज्ञान में कुछ नहीं लाया गया।’’

उन्होंने आगे कहा ‘‘बाद में भी संज्ञान में लाया जा सकता है और नोटिस दिया जा सकता है। मैं रिकॉर्ड देखूंगा और आवश्यक कार्रवाई करूंगा, लेकिन इस तरह आसन पर आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने आगे कहा कि यह विचार आसन को निष्प्रभावी बनाने के लिए है, लेकिन मैं आसन को निष्प्रभावी बनाने के इस तरह के प्रयासों के आगे झुकूंगा नहीं।

उन्होंने कहा ‘‘जिस दिन मैंने यह पद धारण किया था, उसी दिन मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से मैं किसी राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं गया।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे आरोपों से उन्हें दुख जरूर हुआ है, लेकिन वह घबराने वाले नहीं हैं।

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