मार्च से देश भर में चल रहे कई मोबाइल वॉलेट बंद हो सकते हैं। इस बारे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जल्द फैसला लेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मोबाइल वॉलेट कंपनियों ने रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए एक अहम आदेश को पूरा नहीं किया है।
केवाईसी नॉर्म्स को करना था पूरा
आरबीआई ने देश में लाइसेंस प्राप्त सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने ग्राहकों का केवाईसी नॉर्म्स पूरा करने के लिए फरवरी 2018 तक का वक्त दिया था। ज्यादातर कंपनियां आरबीआई के इस आदेश को पूरा नहीं कर पाई हैं। अगर फरवरी तक यह पूरा नहीं हुआ तो देश भर में कई कंपनियों के मोबाइल वॉलेट बंद हो जाएंगे।
ज्यादातर कस्टमर्स ने नहीं दिया है अपना केवाईसी
अभी पूरे देश में 9 फीसदी से कम मोबाइल वॉलेट उपभोक्ताओं ने अपने केवाईसी कंपनियों को दिया है। ऐसे में देश में 91 फीसदी से अधिक मोबाइल वॉलेट अकाउंट बिना केवाईसी के चल रहे हैं। अब इन 91 फीसदी उपभोक्ताओं के अकाउंट के बंद होने की आशंका है।
12 हजार करोड़ का हुआ था ट्रांजेक्शन
मोबाइल वॉलेट कंपनियों ने दिसंबर में करीब 12 हजार करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ था। अब अगर आरबीआई सख्ती दिखाता है तो फिर करोड़ों लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। आरबीआई ने उन यूजर्स का भी केवाईसी करने के लिए कहा है, जो हर महीने अपने अकाउंट से 10 हजार रुपये से कम का भी ट्रांजेक्शन करते हैं।
देश भर में ये हैं प्रमुख मोबाइल वॉलेट कंपनियां
देश भर में पेटीएम, मोबीक्विक, एसबीआई बड्डी, एचडीएफसी पैजेप, एम-पैसा, एयरटेल मनी, चिल्लर, फोन-पे प्रमुख मोबाइल वॉलेट कंपनियां हैं।