देश भर में नाबालिगों के साथ हो रही घटनाओं की गति और भी तेज होती जा रही है। इसी बीच, छत्तीसगढ़ के भिलाई की फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज ने साढ़े 4 वर्ष की भांजी से अश्लील हरकत करने के दोषी कड़ी सजा सुना दी गई है। जंहा अपर सत्र न्यायाधीश ममता भोजवानी ने निर्णय सुनाते हुए रामचरितमानस की चौपाई का उल्लेख किया और कलयुगी मामा को ताउम्र की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश भी जारी कर दिया।
न्यायाधीश ने बोली ये चौपाई: अपर सत्र न्यायाधीश ममता भोजवानी ने फैसले में लिखा है, ‘अनुज वधु भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी।। इन्हहि कृदृष्टि विलोकई जोई। ताहि बधे कछु पाप न होई।’ न्यायाधीश ने चौपाई का अर्थ भी समझाया। उन्होंने बताया कि उपरोक्त छंद रामचरित मानस के किष्किंधा कांड मेंं बाली वध के संदर्भ में है। इसका आशय है कि छोटे भाई की पत्नी, बहन, बहू और कन्या ये चारों समान हैं। इन पर बुरी नजर रखने वाले का संहार पाप नहीं है।
क्या है मामला: विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा के अनुसार घटना स्मृति नगर पुलिस चौकी (भिलाई) क्षेत्र की बताई जा रही है। अगस्त 2019 में साढ़े 4 साल की नाबालिग बच्ची माता-पिता के साथ ननिहाल आई थी। मासूम को घर में छोड़कर उसकी मां रिश्तेदार से मिलने गई। जब वह घर लौटी, तो उन्हें बेटी रोती हुई हालत में पड़ी मिली। उसके शरीर पर चोट के निशान देखने को मिले है। वहीं पर संदिग्ध हालत में 28 साल के मामा भी मौजूद था। इस घटना से आहत होकर बेटी की मां ने थाने में शिकायत की थी, जिस पर केस दर्ज किया जा चुका है।
इस केस में अदालत ने मासूम की मां शिकायत पर शिकायत करते हुए अपराधी मामा आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना नहीं भरने पर सजा को दो वर्ष बढ़ाने के निर्देश दिए जा चुके है।