यह नाम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का वह सितारा है जिसने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों के साथ बहुत सारे कलाकारों को वह पहला मौका दिया जो उन्हें अगर नहीं मिलता तो वे स्टार न बन पाते। जागरण डॉट कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए जॉन अब्राहम और मनोज बाजपेयी ने महेश भट्ट के योगदान को लेकर बातचीत की और अपने-अपने अनुभव साझा किए।
मनोज बाजपेयी ने कहा कि, महेश भट्ट साहब का योगदान अविस्मरणीय है। एक युवा अभिनेता को उन्होंने एक सीरियल के एपिसोड में देखा। बिठाया, हौसला और शक्ति दी, वो भी उस समय में जब वह युवा अभिनेता राह खोज रहा था कि कोई विश्वास दिखाए। फिर पूजा भट्ट के प्रोडक्शन में बनी पहली फिल्म तमन्ना में काम दिया। मैं उनका हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा। भगवान करे की वे हजारों साल तक जिए। एेसे ही वे हम सबका हौसला बढ़ाते रहे। चूंकि वे संत टाइप के आदमी हैं। उनकी बातें एनर्जी का काम करती है। मैं मानता हूं कि उनके अंदर जो ज्ञान है, आध्यात्म को लेकर अलग सोच है वो लोगों तक पहुंचना चाहिए। जब वे युवा थे तब बहुत गुस्से वाले थे। वो अपने तरीके की कहानी कहना चाहते थे। रिश्तों की कहानी। जो उन्होंने अपने जीवन में अनुभव की थी। रूणीवादी नैतिकता से वे परेशान और नाराज थे। वे उस विचारधारा को तोड़ना चाहते थे। इसलिए एक क्रांतिकारी की तरह वे इंडस्ट्री में आए और बहुत सारी चीजों को चुनौती दी। न सिर्फ सारांश या अर्थ जैसी फिल्मों के माध्यम से बल्कि उन्होंने मेन स्ट्रीम सिनेमा का इस्तेमाल करते हुए भी कहानियां कही। इसलिए उनका योगदान बहुत है।
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