पूरे देश में आज महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे विधि विधान से शंकर भगवान की पूजा करते हैं. देशभर के मंदिरों और शिवालयों में सुबह से ही भगवान भोले के भक्त जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं.
शिवभक्त जल, दूध, बेल पत्र चढ़ाकर भगवान भोले को मना रहे हैं. हर तरफ बम बम भोले के जयकारे लग रहे हैं. माना जाता है शिवरात्रि पर ही महादेव का प्राकट्य हुआ था. इसके अलावा, शिव जी का विवाह भी इस दिन माना जाता है. शिवरात्रि पर महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्त हो सकता है.
हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था.
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस दिन व्रत, साधना, मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है.
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 21 फरवरी 2020 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 22 फरवरी 2020 को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक
रात्रि प्रहर की पूजा का समय: 21 फरवरी को शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक
शिवरात्रि की पूजा विधि
– शिव रात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करा कराएं.
– केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं.
– पूरी रात्रि का दीपक जलाएं.
– चंदन का तिलक लगाएं.
– तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें.
– पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें.
चतुर्दशी तिथि भगवान शिव की ही तिथि मानी जाती है. चतुर्दशी तिथि को ही शिवरात्रि होती है. शिवरात्रि का व्रत रखने वाले अगले दिन 22 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक पारण कर सकते हैं.
राशि अनुसार भगवान शिव की करें पूजा-
मेष- भगवान शिव को फूल अर्पित करें ,
इससे स्वास्थ्य और रोजगार की बाधाएं दूर होंगी
वृष- शिव जी को दही और जल चढाएँ .
इससे सम्पन्नता और सुखद वैवाहिक जीवन का वरदान मिलेगा
मिथुन- शिव जी को बेल पत्र अर्पित करें ,
इससे कैरियर की और संतान की समस्याएं दूर होंगी
कर्क- दूध मिश्रित जल अर्पित करें ,
स्वास्थ्य की समस्याओं और दुर्घटनाओं से रक्षा होगी
सिंह- गन्ने का रस अर्पित करें ,
सम्पन्नता मिलेगी और संतान प्राप्ति सरल होगी
कन्या- भांग और धतूरा अर्पित करें ,
तनाव कम होगा , जीवन में स्थिरता आयेगी
तुला- इत्र या सुगंध अर्पित करें ,
विवाह और नौकरी की बाधाएं दूर होंगी
वृश्चिक- शिव जी को अबीर गुलाल अर्पित करें ,
विवाद , मुकदमेबाजी और तनाव से बचे रहेंगे
धनु- शिव के समक्ष घी का दीपक जलाएँ,और आरती करें
आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी और बाधाएं नहीं आएंगी
मकर- शिव जी को तिल और जल अर्पित करें ,
संतान पक्ष और वैवाहिक पक्ष की समस्याओं में सुधार होगा
कुम्भ- शिव जी को जल और बेल पत्र चढाएं,
मानसिक शांति और क्रोध पर नियंत्रण मिलेगा
मीन- शिव जी को चन्दन अर्पित करें,
स्वास्थ्य उत्तम रहेगा, धन की कमी नहीं होगी