शनैश्चरा दयावंत हो शनैश्चरा। इस मंत्र का स्मरण कर लोग शनिवार को भगवान शनिदेव का स्मरण करते हैं। जी हां, शनिवार भगवान शनिवार की आराधना के लिए होता है। इस दिन शनि मंदिरों में विशेष पूजन होता है। शनि देव न्यायाधीश के तौर पर होते हैं। ज्योतिषीय मान्यताओं में इनका विशेष महत्व होता है। भगवान शनि की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु शनि देव के धाम की यात्रा कर उनके मंदिरों में दर्शन करते हैं।

इन मंदिरों में काला कपड़ा, काले तिल, तेल, काली उड़द आदि चढ़ाए जाते हैं। यही नहीं भगवान शनि की कृपा से श्रद्धालुओं के क्लेषों और पापों का नाश होता है। शनि देव के मंदिरों में दर्शन करने के पूर्व श्रद्धालु स्नान करते हैं और भगवान को पवित्र सामग्री अर्पित करते हैं यही नहीं भगवान को प्रसन्न करने के लिए और सारे क्लेशों का नाश करने के लिए श्रद्धालुओं को चीटियों को आटा खिलाने का विधान बताया जाता है।
चीटिंयों के लिए आटा डालने से क्लेशों का नाश होता है दूसरी ओर गरीब को भोजन दान देने से सुखों की प्राप्ति होती है। शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए श्रद्धालु पनौति के तौर पर अपने पुराने जूते, चप्पल और वस्त्र आदि शनि देव के मंदिर में त्यागकर नए वस्त्र, परिधान और जूते – चप्पल पहनते हैं। मान्यता है कि इससे उनके दुखों का नाश होता है और उन्हें सुख – समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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