13 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व है और भक्तजन व्रत रखेंगे। ऐसे में त्योहार वाले दिन व्रती भूलकर भी ये 10 काम न करें, अशुभ हो सकता है।
शिवरात्रि पर पूजन का समय
चंडीगढ़ में सेक्टर 30 के श्री महाकाली मंदिर स्थित भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख बीरेंद्र नारायण मिश्र ने बताया कि शिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस साल बुधवार, 14 फरवरी 2018 को महाशिवरात्रि है। इस संबंध में पंचांग भेद भी हैं, कुछ क्षेत्रों में 13 फरवरी ये पर्व मनाया जाएगा। चतुर्दशी तिथि 13 फरवरी 2018, मंगवलार 22:36 से प्रारंभ होगी, जो 15 फरवरी 2018, 00:48 बजे खत्म होगी। इस दिन शिवरात्रि निशिथ काल पूजा का समय 24:09+ से 25:01+ तक होगा।
काले रंग के कपड़े ना पहनें
महाशिवरात्रि का त्योहार शिवभक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। लेकिन भूलवश शिव जी को प्रसन्न के लिए ऐसी कुछ गलतियां कर देते हैं जिससे उनकी पूजा पूरी नहीं हो पाती है। पहली बात, शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को यदि प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। कहा जाता है की भगवान शिव को काला रंग पसन्द नहीं है, जिसके कारण इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
ये सभी चीजें भूलकर भी न चढ़ाएं
भगवान शिव को सफेद फूल बहुत पसंद होता है, लेकिन केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव की पूजा करते समय शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए। भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है। शिव की पूजा में तिल नहीं चढ़ाया जाता है। तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है, इसलिए भगवान विष्णु को तिल अर्पित किया जाता है लेकिन शिव जी को नहीं चढ़ता है।
भगवान भोलेनाथ को ये भी पसंद नहीं
भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए। शिव प्रतिमा पर नारियल चढ़ा सकते हैं, लेकिन नारियल का पानी नहीं। हल्दी और कुमकुम उत्पत्ति के प्रतीक हैं, इसलिए पूजन में इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए। बिल्व पत्र के तीनों पत्ते पूरे होने चाहिएं, खंडित पत्र कभी न चढ़ाएं। चावल सफेद रंग के साबुत होने चाहिएं, टूटे हुए चावलों का पूजा में निषेध है। फूल बासी एवं मुरझाए हुए न हों।
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