जिस रात को पुलिस विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई थी, उस रात विकास ने अपने दोस्तों के लिए . विकास के घर में उस रात करीब 20 से 25 लोगों का खाना बन रहा था.
पुलिस जांच में विकास दुबे से जुड़ी कई कहानियां सामने आ रही हैं. पुलिस के मुताबिक बिकरू गांव में विकास दुबे ने अपने साथियों को इकट्ठा करके रात के खाने का इंतजाम किया था. विकास ने अपने साथियों को फोन करके बुलाया और बैठक की.
पुलिस को जांच के दौरान विकास के घर से एक बड़े पतीले में करीब बीस लोगों के खाने के लिए चावल और दाल से भरे हुए बर्तन मिले थे. इन बर्तनों में खाना बनकर तैयार था लेकिन किसी ने खाया नहीं था.
विकास के घर के बाहर बनी एक कोठरी में खाना बनाने का इंतजाम किया गया था. यहां पर उसके ड्राइवर और साथियों ने खाना पकाया था. विकास दुबे के एक दो साथी को छोड़कर सभी ब्राह्मण थे. उनके हिसाब से शाकाहारी खाने का इंतजाम किया गया था.
पुलिस ने जांच में पाया है कि विकास के घर के बाहर के कमरे में सीसीटीवी का सर्वर लगा था. पुलिस को शक है कि विकास दुबे को दबिश की जानकारी मिलने के बाद उसने घटना के पहले ही सर्वर निकाल लिया था.
पुलिस को ऐसी आशंका इसलिए है क्योंकि सर्वर घर के कमरे में अलमारी के ऊपर ऊंचाई पर एक बॉक्स के भीतर लगा था. इस सर्वर को अफरा-तफरी में भागते वक्त निकालना इतना आसान नहीं था. पुलिस का आकलन है कि विकास दुबे कोई भी रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं छोड़ना चाहता था. इसलिए उसने सर्वर पहले से ही निकाल लिया.
पुलिस को तलाशी में विकास के घर से जमीन के तमाम कागजात भी मिले हैं. राज्य सरकार का भू-राजस्व विभाग इनकी भी जांच करने वाला है. पुलिस को उसके घर से बहुत सी डायरी मिली हैं, जिसमें उसके काम धंधे और लेनदेन का हिसाब किताब है.