अमेरिका की सॉफ्टवेयर जरुरत को सबसे ज्यादा पूरा करने वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसिज (टीसीएस) ने एच1बी वीजाधारकों के लिए नियमों पर आए स्पष्टीकरण का स्वागत किया है। लेकिन उसका कहना है कि अमेरिकी विधानसभा में अटके हुए बिल अभी भी चिंता का विषय बने हुए हैं। टीसीएस के लिए यूएस एक बहुत बड़ा बाजार है। कंपनी का कहना है कि हकीकत और जो लिखा जा रहा है उसमें काफी अंतर है।
टीसीएस के मानव संसाधन प्रमुख अजय मुखर्जी ने पत्रकारों से कहा कि एच1बी वीजा पर अभी भी चिंता इसलिए वाजिब है क्योंकि इससे संबंधित कुछ ऐसे विधेयक हैं जिसके बारे में अभी बात होनी है। फिलहाल कंपनी अपनी नीति के तहत एडवांस में प्लानिंग जारी रखेगी। जिसमें स्थानीय भर्ती शामिल है। हमें बहुत प्लानिंग करनी है जिसकी शुरुआत वीजा के लिए एप्लीकेशन से की जाएगी।
हाल ही में अमेरिका ने तकनीकी क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोगों को राहत देते हुए एच1बी वीजा नियमों में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया था। मुखर्जी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एक स्पष्टता आई है। जिससे यह साफ हो गया है कि अमेरिका इस समय वीजा नियमों में किसी तरह के बदलावों के बारे में नहीं सोच रहा है।
11 जनवरी को अमेरिका की संसद में देश के भीतर योग्यता आधारित इमिग्रेशन और सालाना 45 फीसदी ग्रीन कार्ड बढ़ाने से संबंधित एक विधेयक पेश किया गया था। इस विधेयक को ट्रंप प्रशासन का पूरा समर्थन मिला हुआ है। इसलिए इसके पारित होने की संभावना काफी अधिक है। बिल पर संसद की मुहर लगने पर अमेरिका में रह रहे करीब 5 लाख ऐसे भारतीयों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, जो फिलहाल ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं।