उत्त प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क नोएडा के यीडा सिटी में बनने जा रहा है. इसका निर्माण यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथॉरिटी करेगा. इसकी डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी को दी गई है.

कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी भारत सरकार का संस्थान है जिसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग मदद मुहैया कराता है. इसके साथ ही यमुना विकास प्राधिकरण के नाम एक और उपलब्धि दर्ज होने जा रही है.
इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-28 में करीब 250 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है. सरकार ने 5 दिसंबर तक डीपीआर जमा करने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी. मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को राज्य कार्यान्वयन एजेंसी नामित किया गया है.
असल में, कोरोना संकट के मद्देनजर केंद्र और प्रदेश सरकार का सबसे अधिक जोर दवाइयों और मेडिकल डिवाइस के उत्पादन पर है. इसके लिए भारत सरकार की तरफ से दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं. अब तक देश में कुल जरूरत का सिर्फ 20 प्रतिशत दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन हो रहा है.
जारी बयान में कहा गया है कि मेडिकल क्षेत्र में चीन काफी आगे है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण उसकी छवि धूमिल हुई है. तमाम विदेशी कंपनियां चीन के बजाय भारत में निवेश करना चाहती हैं.
इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने चार राज्यों में ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का फैसला किया है. इसमें से एक उत्तर प्रदेश भी है. प्रदेश सरकार ने बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है.
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