कोरोना वायरस से बिगड़ते हालातों के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर ना पड़े और इकोनॉमी की ट्रेन पटरी से ना उतरे, इसके लिए केंद्र सरकार एक और राहत पैकेज ला सकती है। कोरोना के खिलाफ जंग के लिए ज्यादातर राज्य नाइट कर्फ्यू का सहारा ले रहे हैं क्योंकि पूर्ण लॉकडाउन का विकल्प नहीं है।
यही नहीं कुछ राज्यों ने संक्रमण को रोकने के लिए वीकेंड लॉकडाउन का भी एलान कर दिया है। हालांकि इससे देश की अर्थव्यवस्था के सुधार पर असर पड़ सकता है। अगर महामारी की दूसरी लहर गरीबों की आजीविका को बाधित करती है तो केंद्र सरकार का दूसरा पैकेज उनको राहत देगा।
बता दें कि सरकार ने पिछले साल 26 मार्च से 17 मई के बीच आर्थिक प्रोत्साहन-सह-राहत पैकेज की घोषणा की थी। केंद्र सरकार ने उस समय 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया था। केंद्रीय वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य प्रमुख विभाग एक अन्य प्रोत्साहन के लिए जरूरत और समय के लिए हितधारकों के संपर्क में हैं।
नाम ना बताने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि एक राष्ट्रव्यापी सख्त लॉकडाउन के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री मोदी ने खारिज कर दिया है। हालांकि केंद्र अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार कर सकता है ताकि कोविड 19 के प्रसार को कम किया जा सके। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि औद्योगिक श्रमिकों का टीकाकऱण विचाराधीन है।
अधिकारी ने बताया कि उनकी उम्र चाहे कितनी भी क्यों ना हो, उन्हें टीकाकरण की उपलब्धता के आधार पर टीका लगाया जाएगा। बता दें कि मंगलवार को केंद्र सरकार ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी वैक्सीन को मंजूदी दे दी है। वहीं वित्त मंत्रालय, अन्य मंत्रालयों और उद्योग प्रतिनिधियों से विशिष्ट जानकारी ले रहा है।
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