बिहार में 28 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान होगा। ऐसे में राज्य में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। शनिवार को महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकल्प पत्र जारी किया। इस दौरान कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और शक्ति सिन्ह गोहिल सहित अन्य नेता मौजूद रहे।
कॉन्फ्रेंस में जाले से कांग्रेस उम्मीदवार के जिन्ना समर्थक होने के सवाल पर सुरजेवाला ने इसे गलत बताया। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अध्यक्ष थे तो उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था कि एएमयू, संसद और मुंबई उच्च न्यायालयय से जिन्ना की मूर्ति को हटया जाए। इसपर प्रधानमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष जिन्ना की मजार पर मत्था टेके और हमसे सवाल पूछे जा रहे हैं।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘ये चुनाव नई दशा बनाम दुर्दशा का चुनाव है, ये चुनाव नया रास्ता और नया आसमान बनाम हिंदू-मुसलमान का चुनाव है, ये चुनाव नए तेज बनाम फेल तजुर्बे की दुहाई का चुनाव है, ये चुनाव खुद्दारी और तरक्की बनाम बंटवारा और नफरत का चुनाव है।
अगर हम तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाते हैं तो हम तीन कृषि विरोधी कानूनों को समाप्त करने के लिए पहले विधानसभा सत्र में एक विधेयक पारित करेंगे।’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन गठबंधनों में चुनाव लड़ रही है, एक गठबंधन है जेडीयू और भाजपा का जो आपको नजर आता है, एक गठबंधन है भाजपा और लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) का जो आप समझते हैं और एक गठबंधन है भाजपा और ओवैसी साहब का। तीन गठबंधन के साथ भाजपा इस बार बिहार के चुनाव में उतरी है।’