बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कृषि वानिकी से बिहार को नई दिशा मिलेगी. सूबे में कृषि रोड मैप के तहत अगले पांच साल में 14.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. इस साल जुलाई-अगस्त में किसी एक दिन या दो-तीन दिन का सघन अभियान चलाकर पूरे प्रदेश में एक करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा. सुशील मोदी बिहार के पर्यावरण एवं वन मंत्री भी हैं.
उन्होंने कहा कि कृषि वानिकी नीति बनाने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित की गई है. कृषि वानिकी को बढ़ावा देकर न सिर्फ हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ाया जाएगा, बल्कि किसानों की आमदनी भी दोगुनी की जाएगी.
बिहार के विभिन्न जिलों से चयनित 55 किसानों में से 30 किसान उत्तराखंड के पंतनगर स्थित गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि और 25 किसान हल्द्वानी स्थित उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में तीन दिन (05 से 07 अप्रैल तक) का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. उप मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के लिए जाने वाले किसानों को शुभकामना देते हुए उन्हें समय का भरपूर उपयोग करने और ज्यादा से ज्यादा नई चीजें व वानिकी के गुर सीखने की सलाह दी.सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए भागलपुर में टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की गई है. बहुत जल्द सुपौल में भी बांस के पौधे तैयार किए जाने लगेंगे. भारत सरकार भी बांस की खेती को बढ़ावा दे देती है. इस साल के केन्द्रीय बजट में बांस को ‘ग्रीन गोल्ड’ कहा गया है. अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिया कि अगस्त तक जो 1980 किसानों को प्रशिक्षण देने की योजना है, उसे बढ़ाकर पांच हजार कर दिया जाए. जब ज्यादा से ज्यादा किसान प्रशिक्षित होंगे, तो कृषि वानिकी को और गति मिलेगी.