कर्नाटक में बागी गुट के विधायकों में शामिल जेडीएस विधायक ए एच विश्वनाथ ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है। वह जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। विधानसभा स्पीकर के आर रमेश कुमार ने उन्हें हाल में पार्टी व्हिप को न मानने के मामले में अयोज्ञ करार दिया था। श्री विश्वनाथ ने यहां मीडिया से कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती जद(एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार के गिरने के लिए बागी विधायक जिम्मेदार नहीं थे और न ही भारतीय जनता पाटी(भाजपा), बल्कि यह सरकार गठबंधन दलों के नेताओं के बीच मतभेदों के कारण गिरी।
जेडीएस नेता ने बताया कि पार्टी के नेताओं के अपमानजनक व्यवहार के कारण उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद के साथ ही विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा अन्य विधायकों ने भी इन्हीं कारणों से इस्तीफा दिया था। उन्होंने बताया कि कोई एमएलए बीजेपी के हाथों नहीं बिके और न ही कोई ‘आपरेशन लोटस’ चला था। बीजेपी के हाथों 28 करोड़ रूपयों में बिक जाने संबंधी पूर्व मंत्री महेश के आरोपों को खारिज करते हुए श्री विश्वनाथ ने कहा, ‘‘ मैंने सिद्दारामैया के कारण कांग्रेस पार्टी छोड़।
सिद्दारामैया जहां मौजूद रहते, वहां मुझे किनारे कर दिया जाता था।’’ उन्होंने सिद्दारामैया पर सत्ता का लालची होने का आरोप लगाया और बताया कि श्री राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है जबकि सिद्दारामैया हार के कारणों पर चर्चा करना भी जरूरी नहीं समझते। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कर्नाटक में चले सियासी हलचल के बाद वहां की कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गया थी।