बरेली समेत आसपास के जिलों में जुलाई की शुरुआत से अब तक बारिश का क्रम जारी है। मानसूनी बारिश अब आफत बनती जा रही है। बरेली में शनिवार को दोपहर से शुरू हुई बारिश रविवार सुबह करीब सात बजे थमी। जिलेभर में करीब 15 घंटे तक लगातार बारिश हुई, जिससे शहर से देहात तक स्थिति खराब हो गई। इससे शहर के कई इलाकों में जलभराव से स्थिति बिगड़ गई।
सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। घरों और दुकानों में पानी भर गया। इसके कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने तीन दिन और बारिश होने की संभावना जताई है। इसके बाद धूप निकलने के आसार जताए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार जुलाई में 450 मिमी बारिश को सामान्य आंका जाता है। बरेली में अब तक 201 मिमी बारिश हो चुकी है। इस हिसाब से करीब 40 फीसदी बरसात माह के शुरुआती छह दिनों में हो चुकी है। एक जुलाई को 32.2, दो को 11.9, तीन को 71.1, चार को 6.5, पांच को 51.4 और छह को 28.6 मिमी बारिश हो चुकी है।
शनिवार को दिनभर बारिश का सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार देर रात से शनिवार सुबह तक, फिर दोपहर में करीब दो घंटे तक तेज बारिश हुई। शाम से रात तक रिमझिम का क्रम बरकरार रहा। रविवार को सुबह सात बजे तक बारिश हुई। आसमान में बादल छाए हुए हैं। 24 घंटे में 58 मिमी बारिश हुई है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक पूर्वी उत्तर प्रदेश और दक्षिणी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरण के संयुक्त प्रभाव से बारिश जारी है। वर्ष 2016 में भी ऐसी परिस्थति थी। तब 706 मिमी रिकॉर्ड बारिश हुई थी।
झमाझम बारिश से स्मार्ट सिटी की हकीकत बेपर्दा हो गई। नालियां कूड़े से पटी होने की वजह से शनिवार को सड़कों पर सैलाब जैसा मंजर दिखा। निचली बस्तियों में जहां लोगों के घरों में जलभराव हुआ, वहीं पॉश कॉलोनियों की सड़कें भी डूब गईं।
हजियापुर और बजरिया इनायतगंज के लोग काफी परेशान हुए। यहां के लोगों को नाला सफाई के लिए अधिकारियों से लेकर नेताओं तक ने आश्वासन दिया था, लेकिन बारिश ने बता दिया कि दावे सिर्फ फाइलों में सिमटकर रह गए हैं। पानी की निकासी के लिए पंप भी नहीं लगाए गए। इससे शहरवासियों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ीं।
मलूकपुर में जलभराव और सुभाषनगर में पहले से राहत
मलूकपुर पुलिस चौकी से लेकर दूल्हे मियां की मजार, बिहारीपुर ढाल, घेर शेख मिट्ठू में पानी भरा रहा। वहीं, सुभाषनगर में नगर निगम की सीमा से दूर राजीव कॉलोनी के पास नाले से शुक्रवार को डेढ़ सौ ट्रॉली कचरा निकाला गया था। इससे पानी की निकासी जल्दी हो गई। हालांकि, निचला इलाका होने के कारण सुभाषनगर में जलभराव तो हुआ, लेकिन पहले से काफी राहत दिखी।
इन इलाकों में भी परेशानी
पॉश इलाके डीडीपुरम समेत मॉडल टाउन, कृष्णानगर, जनकपुरी, किला के जखीरा, कटघर, बाकरगंज, स्वालेनगर, नैनीताल रोड, शाहबाद, कोहाड़ापीर इलाके में जलभराव की स्थिति रही। हालांकि, कुछ स्थानों पर पंपसेट लगे होने से एक घंटे में स्थिति सामान्य हो गई। इसके बाद नालों की बदबू ने लोगों को काफी परेशानी किया।
करंट लगने से तीन पशुओं की मौत
मथुरापुर में ट्रांसफार्मर की फेसिंग में करंट आने से दो गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई। सुभाषनगर में भी बिजली के खंभे में करंट से एक पशु की मौत हुई है। एसडीई अभिषेक कपासिया ने बताया कि बारिश और जलभराव के कारण कुछ स्थानों पर समस्या हुई है।