New Delhi: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। सेंट्रल जेल की इस तस्वीर में दिख रहे बच्चे रक्षाबंधन के पावन त्योहार पर जेल में बंद अपने पिता से मिलने आए।अभी-अभी: राज्यसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी को लगा ये बड़ा झटका, इस बड़े नेता का हुआ निधन…
लेकिन जेलकर्मियों ने एंट्री रिकोर्ड के लिए बच्चों के मुंह ही मुहर लगा दी। दरअसल, जब जेल में कैदियों से मिलने के लिए उनके कोई करीबी आते हैं तो जेल में प्रवेश के दौरान हाथ पर मुहर लगाई जाती है। लेकिन जेल में इन दोनों मासूमों के मुंह पर ही मुहर लगा दी गई।
जेल स्टाफ द्वारा मासूमों के प्रति दिखाई गई संवेदनहीनता का यह मामला अब तूल पकड़ रहा है। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई तो जेल मंत्री महदेले ने मामले की जांच का आदेश दे दिया।
महदले ने कहा अगर जांच में कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। खबरों के मुताबिक रक्षाबंधन में बड़ी संख्या में लोग जेल में अपने परिजनों से मिलने आए थे। ऐसे में कोई कैदी भीड़ का फायदा उठाकर जेल से फरार न हो जाए, इसलिए उनके हाथों पर जेल प्रशासन मुहर लगा रही थी। लेकिन जब बच्चों की बारी तो उनके मुंह पर मुहर लगा दी गई।
एडीजी, जेल गाजीराम मीणा ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं। जेल मंत्री कुसुम मेंहदेले ने भी जांच कराने की बात कही है, लेकिन सेंट्रल जेल के अधीक्षक दिनेश नरवरे यह मानने को तैयार नही हैं कि बच्चों के मुंह पर मुहर लगा कर उनके स्टाफ ने कोई गलती की है।
हालांकि मीणा का कहना है कि जेल मैन्युअल में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि कैदी से मुलाकात करने आने वाले व्यक्ति के शरीर पर कोई मुहर लगाई जाए, लेकिन फिर भी जेलों में यह परंपरा रही है। उन्होंने कहा,’आमतौर पर हाथ पर ही कोई भी निशान या मुहर लगाई जाती है। बच्चों के मुंह पर मोहर लगाया जाना पूरी तरह से गलत है।