पश्चिम बंगाल का चुनाव इस बार कई मायनों में अहम है और यही वजह है कि सबकी निगाहें इसी राज्य के चुनाव पर टिकी हैं। राज्य के चौथे चरण के मतदान में कूचबिहार के सीतलकूची में हुई हिंसा पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने विवादित बयान दिया था। इसके ठीक बाद पार्टी के एक और नेता ने इस मुद्दे पर आपत्तिजनक बयान दिया है।
भारतीय जनता पार्टी के राहुल सिन्हा ने कूचबिहार हिंसा को लेकर कथित तौर पर कहा कि यहां चार नहीं बल्कि आठ लोगों को गोली मार देना चाहिए थी। हबरा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिन्हा सोमवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
रैली में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सितालकूची में चार नहीं बल्कि आठ लोगों को गोली मार देनी चाहिए थी। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय सुरक्षाबलों ने चार लोगों को गोली क्यों मारी, इसकी पीछे वजह यही है कि एक मतदान केंद्र पर 18 साल का युवक भाजपा को समर्थन कर रहा था, जिसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई और उनकी नेता ममता बनर्जी हैं।
यही नहीं रैली में राहुल सिन्हा ने आगे कहा कि केंद्रीय बलों ने कूचबिहार में उचित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा फिर से होता है तो केंद्रीय बल फिर से ऐसा ही जवाब देंगे। उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी उन लोगों की नेता हैं, जो मतदान से रोकने का गलत काम करते हैं। ममता के दिन अब खत्म हो गए हैं। उनके गुंडे अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
हालांकि इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और बंगाल की मंत्री ज्योति प्रिया मलिक ने राहुल सिन्हा के इस बयान की निंदा की है और पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को इस पार्टी पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। ये एक असभ्य, हिंसक और बर्बर पार्टी है।
यही नहीं कूचबिहार हिंसा पर दिलीप घोष ने भी रविवार को आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर शरारती लड़के, जिन्हें सीतलकूची में गोलियां पड़ी, कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे तो सीतलकूची जैसी घटनाएं होती रहेंगी।
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