पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब देश के अन्य हिस्सों में भी दिखना शुरू हो गया है राजधानी दिल्ली में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है, जिसका असर AIIMS और सफदरजंग जैसे बड़े अस्पतालों में देखने को मिलेगा। दोनों ही अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगी। ओपीडी में नए मरीज नहीं देखे जाएंगे। रेजिडेंट डॉक्टरों की इस हड़ताल की घोषणा से मरीजों को परेशानी होने वाली है।
बंगाल की घटना के बाद गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और 14 जून को हड़ताल पर जाने की बात कही। ऐसे में दिल्ली में भी आज आपको डॉक्टर मरीजों का इलाज करते नहीं बल्कि प्रदर्शन करते दिख सकते हैं।
दरअसल, बंगाल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गुस्सा है, जिसके बाद यहां के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं तो वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टरों पर ही हमलावर हैं। मामला इतना बढ़ गया है कि अदालत तक पहुंच गया है, हड़ताल को लेकल कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसपर आज सुनवाई होनी है।
डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने को ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की साजिश बताया है। ममता ने कहा है कि बीजेपी अब डॉक्टरों को भी अपने जाल में फंसा रही है।
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट भी लिखा और बीजेपी को घेरा। उन्होंने लिखा कि NRS अस्पताल में जो भी हुआ वह गलत था, मैंने अपने मंत्री को भी भेजा था, लेकिन डॉक्टर मान नहीं रहे हैं, इसकी वजह से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बताते चले कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों के अनुसार कोलकाता के नीलरतन सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते सोमवार की रात जूनियर डॉक्टरों के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। इसके बाद से ही जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। डॉक्टरों मारपीट की घटना में जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि तब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक यह हड़ताल जारी रहेगा।