उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के बेटे अजय सिंह पर 10 लाख का जुर्माना लगाया है. साथ ही इलाहबाद हाईकोर्ट ने एचडीएफसी बैंक के उप महाप्रबंधक डीके गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज प्राथमिकी भी रद्द कर दी है.
क्या है मामला
दरअसल, अजय सिंह ने अटलांटिस मल्टीप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर 16 मार्च 2006 को 25 करोड़ का लोन लिया था. बाद में यह लोन राशि बढ़कर 34 करोड़ 25 लाख हो गई.
अजय सिंह ने लोन की किश्तों का भुगतान नहीं किया. इस पर कार्रवाई करते हुए बैंक ने नोटिस जारी कर अजय का करार रद्द कर दिया. कर्ज के 30 करोड़ 93 लाख 3 हजार 947 रुपये के लिए बैंक ने वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी.
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मामले को रफा-दफा करने के लिए अजय सिंह ने बैंक को 22 करोड़ देकर लोन खत्म करने का प्रस्ताव दिया. बैंक इसके लिए राजी नहीं हुआ और अजय सिंह को 30 अक्टूबर 2010 को ब्याज के साथ 40 करोड़ 33 लाख 42 हजार 548 रुपये का डिमांड नोटिस भेज दिया.
कार्रवाई से नाराज अजय सिंह ने एचडीएफसी बैंक इलाहाबाद उप महाप्रबंधक डीके गुप्ता के खिलाफ कैंट थाने में गबन, धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करा दी.
डीके गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिकी को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति यूसी श्रीवास्तव की खंडपीठ ने धोखाधड़ी की एफआईआर रद्द कर दी.
साथ ही लोन नहीं चुका पाने पर प्राथमिकी दर्ज करवाकर एचडीएफसी बैंक उप महाप्रबंधक डीके गुप्ता को परेशान करने के लिए अजय सिंह पर 10 लाख का जुर्माना भी ठोका गया.
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