ऑनलाइन बुकिंग के जरिए कार सेवा देने वाली कंपनी उबर, बीतें चार सालों से एक प्रोग्राम की मदद से दुनिया भर के तमाम देशों के कानूनों को ठेंगा दिखा बिजनेस कर रही है। उबर इस प्रोग्राम का वहां इस्तेमाल उन शहरों में करती हैं जहां कम कीमत पर टैक्सी सेवा देने के लिए वहां पर उसका विरोध किया जा रहा है या वहां उसको प्रतिबंधित कर दिया गया हो।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबरे के मुताबिक इस प्रोग्राम को ग्रेबाल तकनीक की मदद से तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम उबर ऐप और अन्य तकनीकों से डॉटा को इकठ्ठा कर उन अधिकारियों को पहचाचने और धोखा देने की कोशिश करता है जो उबर की कम कीमत पर टैक्सी सेवा देने पर शिकंजा कसना चाहते हैं। उबर इस समय इस प्रोग्राम बोस्टन, पेरिस, लॉस वेगास जैसे शहरों और ऑस्ट्रेलिया, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में इस्तेमाल करता है।
ग्रेबाल, वीटोओएस(VTOS) प्रोग्राम का एक हिस्सा है जिसका अर्थ है- सेवा की शर्तों का उल्लंघन(violation of terms of service)। उबर ने इस तकनीक को, उबर की सेवाओं का गलत तरीके से इस्तमाल करने वालों या इसे निशाना बनाने वालों लोगों को दूर करने के लिए बनाया था। 2014 में बनी इस तकनीक को उबर की कानूनी टीम ने मंजूरी दे रखी है।
कैसे दुनिया के सामने आई यह तकनीक
उबर इस तकनीक का इस्तेमाल करती है, यह बात सबसे पहले 2014 में सामने आई जब पोर्टलैंड के अधिकारी ने स्टिंग ऑपरेशन के लिए उबर ऐप की मदद से टैक्सी बुक की। पोर्टलैंड के अधिकारी, एरिक इंग्लैंड ने शहर में जाने के लिए टैक्सी बुक थी। उबर ने उस वक्त पोर्टलैंड में बिना किसी अधिकारिक अनुमति के अपनी टैक्सी सेवा शुरू की थी, जिसके चलते बाद बाद में उबर टैक्सी सेवा को शहर में गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था।एरिक इंग्लैंड ने उबर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन करना चाहा जिसके लिए उन्होंने उबर की एक टैक्सी बुक की। टैक्सी बुक करने के बाद एरिक इंग्लैंड कार का इंतजार कर रहे थे लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने देखा कि जिस कार का वो इंतजार कर थे वो आई नहीं साथ ही उबर ड्राइवर ने भी कुछ देर में खुद ही ऐप से टैक्सी रद्द कर बच निकलने में सफल रहा।
यह ग्रेबाल तकनीक मदद से हो पाया। ग्रेबाल तकनीक की मदद से उबर ने पहले ही पोर्टलैंड शहर को अधिकारियों की पहचान कर रखी थी, इसलिए जब एरिक इंग्लैंड ने स्टिंग ऑपरेशन कर उबर पर शिकंजा कसने की कोशिश की तो वह सपल न हो सके।