यूपी पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. लखनऊ के अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपी पूर्व सांसद और माफिया धनंजय सिंह पुलिस तलाशती रही और उधर वो एक पुराने मामले में प्रयागराज कोर्ट से जमानत करा फरार हो गया और पुलिस को भनक तन नहीं लगी.
लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह आरोपी है और पुलिस पूछताछ के लिए उसकी लगातार तलाश कर रही थी. इस बीच पुलिस को चकमा देकर एक पुराने मामले में प्रयागराज कोर्ट में पेश हुआ था जहां से उसे यूपी की फ़तेहगढ़ जेल भेज दिया गया था. धनंजय सिंह पर पुलिस ने 25000 का इनाम तक घोषित कर दिया गया था.
पुलिस को उसे तलाशने के लिये कहीं जाने की जरूरत नहीं थी बल्कि कोर्ट में अर्ज़ी देकर उसकी रिमांड हासिल की जा सकती थी. लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. पुलिस ने पच्चीस दिनों तक उसकी रिमांड लेने की कोशिश नहीं की. यहां तक कि जेल प्रशासन से बात करके उसके बारे में ये भी जानकारी नहीं ली गई कि जब उसे जमानत मिले तो उसे जेल के बाहर निकलते ही हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सके.
पुलिस की लापरवाही के चलते धनंजय जमानत मिलते ही अपने साथियों के साथ फरार हो गया और लखनऊ पुलिस को भनक तक नहीं लगी. अब पुलिस फिर से उसे तलाश करने के लिये दबिश देने की बात कह रही है.
बता दें कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बीते पांच मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था. साल 2017 में जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज पुराने मामले में धनंजय सिंह ने सरेंडर किया, तो उसको गिरफ्तार कर नैनी जेल भेज दिया गया. इसके बाद नैनी जेल जाते ही धनंजय सिंह ने जान को खतरा बताते हुए जेल ट्रांसफर की अर्जी दी.
11 मार्च को धनंजय सिंह का फतेहगढ़ जेल ट्रांसफर हो गया. 25 दिन जेल में रहने के बाद धनंजय सिंह को प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई, जिसके बाद धनंजय सिंह को फतेहगढ़ जेल से रिहा कर दिया गया.
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