गैरों पर सितम अपनों पर करम। यह कहावत दून पुलिस पर सटीक बैठती है। लोगों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस खुद ही संजीदा नहीं दखि रही।
दून में बुधवार को सामने आया कि दोपहिया वाहन चलाते समय कई पुलिस कर्मी हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए। सख्ती के मामले में भी दून पुलिस की सीपीयू किसी को नहीं छोड़ती, लेकिन पुलिस इसे लेकर संजीदा नहीं दिखती है। सिपाही से लेकर अफसर तक दोपहिया चलाते समय हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।
बाइक सवार पुलिसकर्मी रेसकोर्स की ओर से आ रहा था। बाइक चलाने के दौरान पुलिसकर्मी ने हेलमेट नहीं पहना था। जबकि पुलिसकर्मी के आसपास से गुजर रहे दोपहिया वाहन के चालकों ने हेलमेट पहना था। इसके बाद भी पुलिसकर्मी ने हेलमेट को नहीं पहना है। पुलिसकर्मी के पास हेलमेट तक नहीं था।
एक बाइक पर सवार पुलिसकर्मी धर्मपुर से पुलिस लाइन की ओर आ रहा था। पुलिसकर्मी ने दिखाने के लिए हेलमेट तो पहना है, लेकिन पुलिसकर्मी ने हेलमेट की स्ट्रिप लगाना मुनासिब नहीं समझा। जबकि कई बार पुलिस कर्मी लोगों को स्ट्रिप लगाने की हिदायत देते रहे हैं, लेकिन पुलिस ही नियमों की अनदेखी कर रही है।
धर्मपुर से रेसकोर्स की ओर एक व्यक्ति बाइक से जा रहा था। इस दौरान एक दरोगा ने बाइक सवार से लिफ्ट मांगी। इस दौरान दारोगा ने बाइक चला रहे युवक को हेलमेट पहनने तक के लिए नहीं टोका, जबकि डबल हेलमेट तक पहनने के हाईकोर्ट की ओर से आदेश हो चुके हैं। रास्ते में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें टोका तक नहीं।
पुलिस लाइन के समीप पुलिस का शक्तिमान पेट्रोल पंप है। इस दौरान स्कूटर में एक पुलिसकर्मी वर्दी में पेट्रोल भराने पहुंचे, लेकिन उन्होंने भी हेलमेट नहीं पहना था। उन्होंने पेट्रोल भरवाया और वहां से निकल गए। जबकि पहले यह निर्देश हुए थे कि बिना हेलमेट पहने पहुंचे वाहन स्वामियों को तेल नहीं दिया जाएगा।
यातायात नियमों का पालना करना पुलिस समेत आमजन की भी जिम्मेदारी है। हेलमेट पुलिस से बचने के लिए नहीं बल्कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए पहनना चाहिए। अगर पुलिसकर्मी भी नियमों का उल्लंघन करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।