एजेंसी/जम्मू : जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की विधायक दल की अहम बैठक सोमवार को होगी। दूसरी ओर, सरकार गठन पर पीडीपी के नरम रुख के बाद बीजेपी भी जल्द सरकार बनने पर आश्वस्त नजर आ रही है। रविवार को अचानक जम्मू पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्य प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कोर ग्रुप से बैठकें कर सरकार के गठन पर विचार-विमर्श किया। भाजपा की निगाहें भी श्रीनगर में सोमवार को होने वाली पीडीपी विधायक दल की बैठक पर टिकी हैं।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दो दिन पहले भी यहां अपने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की थी, जिसमें पूर्व मंत्रियों समेत कई विधायक और विधानपरिषद सदस्य भी शामिल थे। गौर हो कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दो महीने की अनिश्चिय की स्थिति के बाद बीते दिनों सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ आगे बढ़ने के संकेत दिये और कहा कि उन्हें इसको लेकर होने वाली आलोचनाओं का ‘भय नहीं’ है लेकिन चाहती हैं कि केंद्र एक ‘संकेत’ दे कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए ‘सब कुछ’ करेगा। महबूबा ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को राज्य में कारगर शासन के लिए माहौल पैदा करने की खातिर निर्णायक विश्वास बहाली के कदम उठाने चाहिए।
महबूबा ने राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की और ‘राजनीतिक मुद्दों’ एवं राज्य की ‘विभिन्न चुनौतियों’ पर चर्चा की थी, जहां गत आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लगा हुआ है।
उधर, महबूबा मुफ्ती से सकारात्मक संदेश मिलने के बाद भाजपा ने भी जम्मू-कश्मीर में जल्द सरकार गठन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह लोगों की इच्छा है। भाजपा नेता निर्मल सिंह ने यहां पत्रकारों को बताया कि मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर में बगैर वक्त गंवाए सरकार बनानी चाहिए। पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग चाहते हैं कि भाजपा-पीडीपी सरकार बनाए, क्योंकि कांग्रेस के शासनकाल में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने राज्यपाल के समक्ष जम्मू संभाग के विकास को तेजी देने का मुद्दा उठाया था। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि जल्द सरकार बन जाए, ताकि तेज विकास को मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जाने का मार्ग प्रशस्त किया जाए।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 27 और भाजपा के 25 विधायक हैं। बीते सात जनवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के अचानक निधन से पहले दोनों पार्टियों ने 10 महीने तक गठबंधन सरकार चलाई थी। आठ जनवरी से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है।