प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडिया पोस्ट के पेमेंट बैंक को लॉन्च कर दिया। भारतीय डाक विभाग, अपने डाकघरों के बेजोड़ नेटवर्क और लगभग 3 लाख पोस्टमेन और ‘ग्रामीण डाक सेवक’ के माध्यम से अब लोगों के दरवाजे तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाने का काम करेगा।
इंडिया पोस्ट का पेमेंट बैंक किसी अन्य बैंक की ही तरह होगा लेकिन इसका संचालन छोटे स्तर पर होगा जिसमें जोखिम की संभावना कम होगी। ये बैंकिंग संबंधी अधिकांश सेवाओं का संचालन करेगा जैसे कि जमा स्वीकार करना। लेकिन ये न तो लोन दे सकते हैं और न ही क्रेडिट कार्ड।
जानिए इंडिया पोस्ट के पेमेंट बैंक से जुड़ी 10 बड़ी बातें:
- संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि इंडिया पोस्ट का पेमेंट बैंक 600 शाखाओं और 3,250 एसेस प्वाइंट के जरिए अपनी सेवाएं देगा।
- किसी भी खाते में 1 लाख रुपये से ज्यादा जमा की गई राशि अपने आप पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में बदल जाएगी।
- 100 फीसद सरकारी स्वामित्व वाला इंडिया पोस्ट का पेमेंट बैंक भारतीय डाक विभाग के अंतर्गत आएगा और कई चैनलों के माध्यम से कई उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करेगा जैसे कि काउंटर सेवाएं, माइक्रो एटीएम, मोबाइल बैंकिंग एप, मैसेज एंड और इंटरैक्टिव वॉयस रेस्पांस।
- आईपीपीबी तकनीक प्लेटफॉर्म का लाभ उठाएगा। यह खाता खोलने के लिए आधार का उपयोग करेगा, जबकि एक क्यूआर कार्ड और बॉयोमीट्रिक्स प्रमाणीकरण के जरिए लेनदेन और भुगतान संभव होगा। लेनदेन के लिए ग्रामीण डाक सेवक स्मार्टफोन और बॉयोमीट्रिक उपकरणों से लैस होंगे।
- बैंक सेविंग अकाउंट पर 4 फीसद की दर से ब्याज देगा।
- आईपीपीबी ने थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स जैसे कि लोन एवं इंश्योरेंस मुहैया करवाने के लिए पीएनबी और बजाज एलियाज लाइफ इंश्योरेंस जैसे वित्तीय सेवा प्रदाताओं से साझेदारी की है।
- आईपीपीबी को खुद के सेटअप के साथ लगभग 17 करोड़ डाक बचत बैंक खातों को जोड़ने की अनुमति भी मिली है।
- केंद्रीय दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि आइपीपीबी के लिए अलग तकनीकी ढांचे और अतिरिक्त मानव संसाधन के कारण उसकी लागत को 80 फीसद बढ़ाकर 800 करोड़ रुपये से 1435 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
- आइपीपीबी के तहत गांव के लोगों को बचत खाता, चालू खाता, मनी ट्रांसफर तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के अलावा बिल, यूटिलिटी एवं व्यापारिक भुगतान जैसी अनेक सेवाएं प्राप्त होंगी।