नई दिल्ली। पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे की दोस्ती रंग ला रही है। जापान भारत को अपनी सबसे बड़ी ताकत देने के लिए तैयार हो गया है। वो भी सस्ते में।
भारत और जापान के बीच होने वाली 12 शिनमायवा यूएस-2 एम्फीबियस विमानों (जल और स्थल में प्रयोग किया जाने वाला विमान) के सौदे पर कीमतों को लेकर बात नहीं बनने की खबरों के बीच जापान ने इस बात के संकेत दिए है कि वह भारत को बेचे जाने वाले इन विमानों की कीमतों में कटौती कर सकता है। जापान ने कहा है वह भारत से केवल आर्थिक लाभ नहीं चाहता है बल्कि एक मित्र देश होने के नाते वह भारत के साथ अपने संबंधों को अधिक महत्व देता है।
जापानी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि 1.6 बिलियन डॉलर वाली इस एयरक्राफ्ट डील के बारे में वो कीमतें कम करने पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए बातचीत का एक नया दौर फिर शुरू किया गया है।
यदि यह एयरक्राफ्ट डील हो जाती है तो इससे भारत और जापान के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग में और मजबूती आएगी तथा चीन के लिए भी एक प्रतीकात्मक संदेश जाएगा जिसका दोनों देशों के लिए बड़ा महत्व है। दोनों देश चीनी आक्रामता के शिकार रहे हैं।
जापानी रक्षा मंत्रालय के सूत्र के बताया, “यदि यह सौदा अंजाम तक पहुंच जाता है तो इससे हमारे और भारत के संबंधों में गहरा सकारात्मक असर पड़ेगा। कीमतों को लेकर हम भारत की चिंताए समझते हैं। कीमतें कई चीजों को प्रभावित कर रही हैं। हम यह आर्थिक लाभ कमाने के लिए नहीं कर रहे हैं बल्कि भारत के साथ दोस्ताना संबंध होने के नाते कर रहे हैं। कीमतों में भी जितना हो सकेगा उतनी कमी की जा सकती है।”
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