आंध्र प्रदेश पुलिस ने सफलतापूर्वक एक वर्षीय बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया, जिसके पति ने अपने बेटी को 16 महीने पहले कृष्णा जिले के मुसुनुरु मंडल के वलासापल्ली गांव में बेच दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला को हाल ही में पता चला कि उसकी बेटी को एक साल पहले उसके पति ने बेच दिया था जिसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि मामले की जांच चल रही है, पुलिस ने बच्ची को ढूंढ निकाला और उन्हें सौंप दिया। यह मामला कृष्णा जिले के मुसुनुरु मंडल के वालसापल्ली गांव से सामने आया। रजनी नवीन बाबू की पत्नी हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। 16 महीने पहले रजनी ने एक बच्ची की डिलीवरी की। जब वह अस्पताल में थी, उसके पति ने तीन दिन की बच्ची को कुछ दूर के रिश्तेदारों को बेच दिया।
नवीन और उसके माता-पिता द्वारा इस बात छिपाया गया। वहीं, रजनी और नवीन का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहा, वह उसके साथ मारपीट करता था। दो हफ्ते पहले रजनी ने अपने पति पर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया है। बताया गया कि कुछ दिनों पहले कैश को लेकर नवीन और उनके माता-पिता के बीच झड़प हुई थी। तब रजनी को पता चला कि नवीन ने उसकी बेटी को 1.50 लाख रुपये में बेच दिया था। जब उसने अपने ससुराल वालों और पति से चौथी बेटी के बारे में पूछा, तो उन्हें पीटा गया। रजनी अपने ससुराल से भाग गई। वह 30 अगस्त को अपने माता-पिता के साथ मुसुनुरु पुलिस स्टेशन गई और अपनी बेटी की बिक्री की शिकायत की।
सब इंस्पेक्टर राजा रेड्डी ने कहा कहा कि रजनी ने हमसे शिकायत की है कि उसकी चौथी बेटी को उसकी जानकारी के बिना डिलीवरी के तीसरे दिन बेच दिया गया था। हमने मामला दर्ज किया और इसके बारे में पूछताछ की। हमें पता चला कि बच्ची गोलापल्ली गांव में दशरथ और सुनीता के पास है। हम गोलपल्ली गए। वहां उन्होंने कहा कि उन्होंने जन्म के 3 दिन बाद बच्ची को गोद लिया था। अब बच्ची की उम्र एक साल चार महीने है। जैसा कि दंपति ने गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं किया, हम बच्ची को आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) के कर्मचारियों की उपस्थिति में और माता-पिता को सौंप दिया जाएगा। हम मामले की जांच करेंगे और उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। फिर आज सुबह मुसुनुरु सब इंस्पेक्टर ने दशरथ और सुनीता से बच्ची को वापस लिया और उसकी मां को सौंप दिया।