पाकिस्तान में लांचिंग पैड आतंकियों से भरे पड़े हैं। लगभग 300 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार हैं। लेकिन हमारे जवान उनके हर मंसूबे को नाकाम करने के लिए तैयार हैं।
यह बातें 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू के दौरान कही थीं, जिसका वीडियो चिनार कोर ने ट्वीट किया है।
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने इस साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान एलओसी के उस पार से आतंकियों को यहां भेजकर हालात बिगाड़ना चाहता है।
ये घुसपैठिए उसकी साजिश के प्राथमिक हथियार हैं। जब भी कश्मीर घाटी में अमन चैन होता है तो पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने में जुट जाता है और जब यहां हालात खराब होते हैं पाकिस्तान चुप्पी साध लेता है।
हाल ही में एक बुजुर्ग और एक बच्चे की मौत पर जीओसी ने कहा कि किसी की भी व्यक्ति की मौत होना एक दुखद घटना है। चाहे वो बिजबिहाड़ा आतंकी हमले में मारा गया चार साल का बच्चा हो या फिर सोपोर हमले में मारा गया 65 वर्षीय शख्स। इन दोनों घटनाओं ने सबका ध्यान खींचा है। जो तस्वीरें सोपोर से सामने आईं उसने सबको भावुक कर दिया। आतंकी हमलों के दौरान सेना हमेशा इस बात का ध्यान रखती है कि आम नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे। यहां तक कि मुठभेड़ से पहले आतंकियों को आत्मसमर्पण का भी मौका दिया जाता है।
जीओसी के अनुसार, सेना ने पिछले कुछ समय से काफी सफल ऑपरेशन अंजाम दिए हैं। आतंकियों के लिए हमला कर भागने का एक ही विकल्प है और वह है आबादी वाले इलाकों में सुरक्षाबलों पर हमला करना।
उनके लिए अगर कोई स्थानीय नागरिक मरता भी है तो कोई बात नहीं, लेकिन सेना इस बात की ध्यान रखती है कि आम नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे।
ऐसा हाल ही में बिजबिहाड़ा और सोपोर में आतंकी हमलों के दौरान हुआ, क्योंकि लॉकडाउन की पाबंदियां हटने के बाद अब सड़कों पर लोगों की मूवमेंट भी थी। इन दोनों घटनाओं में सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए और कुछ घायल भी हुए।
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, सोपोर की घटना में आतंकियों ने मस्जिद में पनाह लेकर हमला किया जो हाल के दिनों में नई रणनीति है।
हमें मस्जिद से एके-47 के करीब 60 खोखे मिले। एक सैनिक होने के नाते दावे से कह सकता हूं कि शुरू की फायरिंग में दोनों आतंकियों की तरफ से दागी गई 10 गोलियों से सीआरपीएफ के जवान को नुकसान पहुंचा। बाकी के 50 फायर उन्होंने मौके से भागने के लिए किए होंगे, जिसके चलते एक शख्स की मौत हुई।