बलात्कार शब्द सुनकर आपके दिमाग में क्या आता है? ख़बर पढ़ने से पहले एक बार सोचिए. बलात्कार शब्द के बारे में… जो भी मन में आए, उसे अपने तक ही रखें. किसी को न बताएं और अपने विचार का आंकलन ख़ुद करें.
बलात्कार, योन-शौषण, Marital Rape, Molestation, छेड़-छाड़ इन शब्दों के हम इतने आदी हो गए हैं कि मुझे डर है, कहीं हम इन्हें अपने समाज का अहम हिस्सा न समझने लगे. भावनाएं समझ सकते हैं, तो समझने की कोशिश करें.
निर्भया के दोषियों को सज़ा हो गई, सब खुशी से झूम उठे. खुशी इस बात कि अपराधियों को बख्शा नहीं गया. कभी भी बलात्कार की बात आती है, तो हम बलात्कारियों के नाम आगे कई तरह के ‘विशेषण’ लगाते हैं.
फिर वही हुआ है, जो हर आधे घंटे में भारत में किसी न किसी महिला या बच्ची के साथ होता है. TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस देश में हर आधे घंटे में किसी का बलात्कार किया जाता है.
बलात्कार की कोई वजह नहीं होती. झगड़ा दो भाईयों का हो या दो गांवों का, सज़ा स्त्रियों का ही मिलती है. सज़ा होती है, बलात्कार. अगर उसके बाद स्त्री बच भी जाती है, तो रही सही कसर हमारा समाज पूरा कर देता है.
हरियाणा के रोहतक ज़िले में एक महिला का सिर्फ़ इसलिए बलात्कार कर दिया, क्योंकि उसने शादी से इंकार कर दिया था. मंगलवार को घटी ये घटना, कल सामने आई, जब पीड़िता का क्षत-विक्षत शरीर मिला.
पुलिस का कहना है कि पहले लड़की का बलात्कार किया गया, फिर उसके Private Parts को काटा गया. इतने में भी दरिंदों का मन नहीं भरा, तो लड़की के चेहरे पर गाड़ी चढ़ा दी.
जरा गौर से देखिये ये फ़ोटो, क्योंकि इसकी एक झलक खोलेगी आपके रिलेशनशिप के सारे राज़…
पीड़िता की पहचान एक गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर की गई. परिवारवालों का कहना है कि, 7 लोग उनकी बिटिया को उठाकर ले गए थे. इन 7 लोगों में पीड़िता का 1 पड़ोसी भी था, जो लड़की पर शादी के लिए दबाव डाल रहा था.
वो लड़की एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी और उसे उसके दफ़्तर के बाहर से उठा लिया गया था. अपहरणकर्ता, उसे एक वीरान जगह पर ले गए. एक-एक कर सबने उसके साथ बलात्कार किया.
फ़ोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के गुप्तांगों को धारदार हथियारों से भी क्षतिग्रस्त किया गया.
इतनी दर्दनाक मौत… और ग़ुनाह सिर्फ़ इतना कि वो शादी के लिए राज़ी नहीं थी? कितना चीखी होगी वो, कितना चिल्लाई होगी, पर दरिंदों के लिए वो एक मांस के टुकड़े से ज़्यादा कुछ नहीं थी. हम बस उम्मीद कर सकते हैं कि उन सातों को सज़ा मिले और झूठी उम्मीदें लगाने की हमें आदत है.