विवेक विहार स्थित डीडीए ग्राउंड में सजी भव्य रामलीला में इस बार एक नया अध्याय जुड़ गया है। आयोजकों ने दावा किया है कि इस बार दिल्ली की रामलीला में पहली बार पानीपत वाले हनुमान जी शामिल हुए हैं। वह राम जी के बराती बनकर सीता मां के द्वार पर ढोल बाजे के साथ पहुंचे।
बरात में करीब 300 लोग शामिल हुए जिसमें कमेटी के लोग भी मौजूद रहे। भव्य रामलीला सोसाइटी के प्रधान सतीश लूथरा ने बताया कि बरात के दौरान, हनुमान जी केवल एक ही नहीं, बल्कि कई अलग-अलग रूपों में दिखाई दिए। इसके लिए पानीपत के हनुमान जी के विशेष दल को आमंत्रित किया गया था। उनका कहना है कि पानीपत के हनुमान जी की उपस्थिति से लोगों में जिज्ञासा उत्पन्न हुई, जिससे कि अधिक संख्या में लोग मैदान में पहुंचेेे।
कौन हैं पानीपत वाले हनुमान जी
पानीपत वाले हनुमान जी अपने अनूठे स्वरूप और सख्त नियम की वजह से मशहूर हैं। वह अपने पूरे शरीर पर सिंदूर का लेप लगाते हैं और अपने सिर पर एक बड़ा सा हनुमान जी मुखौटा पहनते हैं। खास बात यह है कि वह हनुमान जी का स्वरूप धारण करने के लिए दशहरा के 40 दिन पहले ही इसकी शुुरुआत कर देते हैं। वह अपना घर-बार छोड़कर मंदिर में रहते हैं और व्रत का पूरा पालन करते हैं।
कहा यह भी जाता है कि इस बीच वह 24 घंटे में सिर्फ एक बार अन्न खाते हैं। इसके अलावा वह नंगे पैर ही रहते हैं। साथ ही, जमीन या लकड़ी के तख्त पर सोते हैं। बताया जाता है कि आजादी से 80 साल से भी अधिक समय पहले पाकिस्तान के लैय्या जिले से इस परंपरा की शुुरुआत हुई थी। पानीपत में ये परंपरा लैय्या बिरादरी की ही देन हैं। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal