पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को राज्यसभा की पांच सीटों के लिए मतदान जारी है. संसद के ऊपरी सदन में द्विवार्षिक चुनाव के लिए छह उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. तृणमूल कांग्रेस ने चार उम्मीदवारों को नामांकित किया है, जिनमें निवर्तमान सदस्य नदिमुल हक और पहली बार नामांकित सुभाशीष चक्रबर्ती, अबीर बिस्वास और शांतनू सेन शामिल हैं.
तृणमूल ने कांग्रेस के एकमात्र उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के प्रति भी समर्थन जताया है. तृणमूल कांग्रेस की रणनीतिक के मुताबिक, उनके चार उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित होने के बाद पार्टी अपने अतिरिक्त वोट सिंघवी को वोट देगी. माकपा के वरिष्ठ नेता रॉबिन देब भी मैदान में हैं. उन्हें वाम मोर्चे का समर्थन भी प्राप्त है.
पांचवीं सीट के लिए जंग
राज्य में कुल 294 विधायक हैं. इनमें से टीएमसी के पास 213 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 42 और वामदलों के पास 30 विधायक हैं. जबकि बंगाल में एक सीट के लिए 49 वोट चाहिए. इस तरह से टीएमसी के चारों उम्मीदवार का जीतना लगभग तय है.
प्रदेश की पांचवीं सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी और वामदल की ओर से सीपीएम नेता रॉबिन देब प्रत्याशी हैं. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी कांग्रेस के सिंघवी के समर्थन करने का ऐलान कर चुकी है. टीएमसी के 17 अतरिक्त वोट के आने से कांग्रेस के 59 वोट होते हैं इससे सिंघवी की जीत तय मानी जा रही है.
इसके बावजूद सीपीएम के रॉबिन देब मैदान में हैं और माना जा रहा है कि वे हारी हुई बाजी लड़ रहे हैं. इन पांच सीटों में से चार पर पहले तृणमूल कांग्रेस और एक सीट पर सीपीएम के उम्मीदवार राज्यसभा में पहुंचे थे. सभी पांच राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. इस तरह यह सम्भव है कि इस बार सीपीएम का पश्चिम बंगाल से कोई प्रतिनिधि राज्यसभा न पहुंचे.
तीन पत्रकारों का कार्यकाल खत्म
पश्चिम बंगाल से राज्यसभा में रिटायर होने वाले 5 सांसदों में से 3 पत्रकार हैं और तीनों ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं. बांग्लाभाषी कुणाल घोष, हिंदी भाषी विवेक गुप्ता और उर्दूभाषी मोहम्मद नदीमुल हक.
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