कोविड-19 के चलते देश में पर्यटन की कमर टूट गयी। सिर्फ स्थानीय ही नहीं बल्कि विदेश से आने वाले पर्यटकों में जबरदस्त कमी रही। नतीजा देश में पर्यटन से जुड़े लोगों और उनके रोजगार पर जबरदस्त असर पड़ा। पर्यटन मंत्रालय की नई योजना के मुताबिक उत्तर-पूर्वी राज्यों और बुद्ध कॉन्क्लेव के माध्यम से पूरी दुनिया और देश के लोगों को अपना देश घुमाने की है। पर्यटन मंत्रालय ने बाकायदा नॉर्थ ईस्ट में पर्यटन प्रमोशन के लिए एक केंद्रीय कमेटी का गठन किया है।
पर्यटन मंत्रालय की हाल में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2018 और 2019 की तुलना में कोरोना काल के दौरान 2020 में पर्यटकों की संख्या में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज हुई। आंकड़े बताते हैं सन 2018 में जहां 1.056 करोड़ (10.56 मिलियन) विदेशी यात्री अपना देश घूमने आए, वहीं 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.09 करोड़ (10.93 मिलियन) हो गया। जबकि 2020 में कोविड की मार से पर्यटकों का आंकड़ा शुरुआती महीने में ही 26 लाख (2.68 मिलियन) रहा।
अब केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कोरोना महामारी का अपने देश में पर्यटन से जुड़े परिवारों पर पड़े असर और उनके आर्थिक उत्थान और बहाली संबंधी नीतियों पर रिसर्च करने के लिए राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद को नियुक्त किया है। इस शोध का मकसद न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय पर्यटन बल्कि देश के स्थानीय पर्यटन को चरणबद्ध रूप से शुरू किए जाने की संभावनाओं को देखना है। इसके अलावा जो परिवार पूरी तरीके से पर्यटन की गतिविधियों से अपना रोजगार चलाते थे, उन्हें राहत प्रदान करने के लिए क्या उपाय किए जाने हैं इसको लेकर अध्ययन किया जाना है।
पर्यटन मंत्रालय की एक योजना के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों को ज्यादा से ज्यादा एक्सप्लोर करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए कहा गया है। इसके अलावा इन राज्यों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साथ अन्य त्योहरों को भी सेलिब्रेट करने की योजना बनाई गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय संस्कृति के माध्यम से टूरिज्म को आगे बढ़ाना है। इसके लिए ‘एक हजार बार देखो, नॉर्थ ईस्ट देखो’ जैसे स्लोगन के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की नीतियों को शुरू किया जा रहा है।
विदेशी पर्यटक भारत में आना शुरू करें, इसके लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कई देशों के नागरिकों को ई-वीजा की सुविधा प्रदान की गई है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक देश में 12 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं तथा हिंदी और अंग्रेजी में एक टोल फ्री हेल्पलाइन सुविधा भी शुरू की गई है। इसके अलावा योजना यह है कि देश में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध कॉन्क्लेव का आयोजन कर ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जाए और उन्हें अपने देश में बुलाया जाए। अभी देश में बुद्ध सर्किट के माध्यम से बुद्ध दर्शन के लिए दुनिया भर के तमाम मुल्कों के लोग यहां आते हैं।